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उत्तराखण्ड

आइए मिलाते हैं उत्तराखंड के घोस्ट विलेज से, जाने कितने रहते हैं यहां लोग

पौड़ी।आज हम आपको विकास खंड एकेश्वर की ग्रामसभा सालकोट के गडोली टल्ली गांव की कहानी सुना रहे हैं। यहाँ पर अब केवल तीन बुजुर्ग महिला ही रहती हैं। विकास अब तक यहां नहीं पहुंच पाया है। ग्राम सभा से 25 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है। सड़क तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। गांव में बची ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि गांव की रौनक जा चुकी है। तीनों एक दूसरे के सहारे दिन काट रहे हैं। यहाँ पर जंगली जानवरों का आतंक छा रखा है। वे जान जोखिम में डालकर गांव में रह रही हैं। वे कहती हैं कि यदि हमारे गांव में सड़क होती तो शायद गांव को छोड़कर सभी लोग नहीं जाते। बुजुर्गों का कहना है कि गांव में सूनापन उनको भी नहीं भाता। मुश्किल से पहाड़ों पर जीवन व्यतीत होता है। उनका कहना है कि तबियत बिगड़ने पर ग्राम प्रधान ही इमरजेंसी में उनको दवाई इत्यादि देते हैं। आपको बता दें कि पौड़ी के सालकोट ग्राम सभा में 5 गांव आते हैं। पहला सालकोट जिसमे 7 परिवार रहते हैं और 25 जनसंख्या है।

दूसरा गडोली मल्ली जिसमें 3 परिवार और 6 लोग रहते हैं। तीसरा गडोली टल्ली जहां महज 3 परिवार रहते हैं और केवल 3 बुजुर्ग महिलाएं गांव में रहती हैं। वीरों मल्ला में 6 परिवार एवं 15 लोग और वीरों तल्ला में 4 परिवार एवं 13 लोग रहते हैं। यानी कुल मिला कर पूरी ग्राम सभा में 23 परिवार है और टोटल जनसंख्या 62 है। विकास की बात सभी करते हैं.सत्ता की भूख इतनी है कि झूठे खोखले वादों की कोई कमी नहीं है.कमी है तो केवल प्रयास की जिससे उत्तराखंड के गांवों का सूनापन खत्म हो, खाली पड़े गांवों में खुशहाली वापस लौटे और उत्तराखंड के आसमान से पलायन के यह काले बादल छटें।

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