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उत्तराखण्ड

एचआईवी पॉजिटिव पीड़ितों का सही खानपान बढ़ा सकता है जिंदगी

हरिद्वार। आज विश्व एड्स दिवस है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बीमारी से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है। जागरूकता के बाद भी हरिद्वार में 16 साल में 625 एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 80 मरीज इसी साल सामने आए हैं। हरिद्वार में 33 एचआईवी पॉजिटिव हैं।

जिला और महिला अस्पताल में पीड़ितों की काउंसलिंग और रुड़की में एआरटी सेंटर में दवाएं दी जाती हैं। सही खानपान से एचआईवी संक्रमितों की सेहत में सुधार हो सकता है।

सीएमओ कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष सरकारी अस्पतालों में 1 अप्रैल 2022 से 30 नवंबर तक 4759 एड्स आशांकितों की जांच हुई।80 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से 60 लोगों को एंटी रेट्रो थेरेपी करवाई गई है। नवंबर 2006 से 30 नवंबर 2022 तक 16 वर्षों में 78338 टेस्ट हुए हैं। इनमें से 625 पीड़ितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

सीएमओ डॉ. खगेंद्र कुमार के मुताबिक एचआईवी संक्रमितों के लिए एंटी रेट्रो थेरेपी की सुविधा एआरटी केंद्र उपजिला चिकित्सालय रुड़की में है। पीड़ितों की दवाएं जिला अस्पताल से ही शुरू हो जाती है। डेढ़ माह तक दवा के बाद मरीज को जरूरत पड़ने पर एंटी रेट्रो थेरेपी दी जाती है।

सीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिला कारागार रोशनाबाद में एचआईवी पॉजिटिव 33 मरीज हैं। इसमें से 20 लोग एआरटी से इलाज करवा रहे हैं। 13 मरीजों का इलाज शुरू होने वाला है। इनमें से उप जिला कारागार रुड़की में एचआईवी पॉजिटिव कुल 20 मरीज हैं। इनमें से 8 मरीज एआरटी (एंटी रेट्रो थेरेपी) इलाज करवा रहे हैं। शेष 12 मरीजों की एआरटी शुरू होने वाली है। एक से दो माह में दिखाई देते हैं लक्षण एचआईवी के लक्षण आमतौर पर वायरस के शरीर में पहुंचने के एक से दो महीने में नजर आने लगते हैं।

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ज्यादातर मामलों में इन्हें पहचानना मुश्किल होता है। ये लक्षण आम वायरल फीवर और सर्दी-खांसी से काफी मिलते-जुलते हैं। यदि आपको लगता है कि असुरक्षित संबंध या किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के खून, सीमेन के आप संपर्क में आए हैं तो इन लक्षणों को हल्के में न लें।

डॉ. चंदन कुमार मिश्रा, कार्यवाहक सीएमएस जिला अस्पताल ने कहा कि एड्स जागरूकता के लिए समय-समय पर कार्यक्रम किए जाते हैं। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की जिला और महिला अस्पताल में काउंसिलिंग की जाती है। मरीजों के लिए रुड़की में एंटी रेट्रो थेरेपी सुविधा उपलब्ध है।

नम्रता मिश्रा, कांउसलर, जिला महिला अस्पताल, हरिद्वार ने कहा कि एचआईवी पीड़ित गर्भवती का पहले और तीसरे महीने में परीक्षण कराया जाता है। एचआईवी और अन्य इंफेक्शन से जुड़े टेस्ट कराए जाते हैं। एचआईवी पीड़ित गर्भवती को डिलीवरी के समय एक हफ्ते पहले एडमिट किया जाता है। गर्भ में पल रहे बच्चा, पोषण के लिए मां पर ही निर्भर होता है। ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

ये हैं प्रमुख लक्षण

एचआईवी पीड़ित के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता गिरने से बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द या टीस उठना, स्किन रैश, सिरदर्द, गला खराब, उल्टी या बेचैनी होना, पेट खराब रहना, ज्यादा थकान महसूस होना, रात में सोते समय ज्यादा पसीना आना, वजन कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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