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कुमाऊँ

प्रेम ने पुस्तकालय को भेंट की स्वरचित किताब ‘दर्द’

बागेश्वर। पुस्तकें हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर होती है. बिना ज्ञान के हम कदम कदम कदम पर कठिनाई का अनुभव करते हैं। आज के प्रतियोगिता के समय में पुस्तकें हमे न सिर्फ वाह्य जगत से परिचय कराती है बल्कि भावी जीवन के लिए भी तैयार कराती है.इन्ही बातों के मध्यनाजर साहित्यकार एवं अध्यापक प्रेम प्रकाश उपाध्याय “नेचुरल” के द्वारा लिखी गई पुस्तक “दर्द” को पूर्व चेयरमैन सीबीएसई श्री डॉक्टर राजीव जोशी ने भी एक उत्कृष्ट किताब बताई है।

उन्होंने इस किताब में लिखे गए अध्यायों को पठनीय एवं प्रेरणादायक बताया है। आज एक सादे समारोह में यही पुस्तक श्री उपाध्याय ने बच्चो के लाभार्थ हेतु जिला पुस्तकालय को भेंट की है। प्रभारी पुस्तकालय भुवन चंद्र जोशी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त कर प्रेम को पुस्तक भेंट करने वावत बधाई दी हैं। इस पुस्तक में जीवन के वास्तविक अनुभवों को पिरोया गया हैं। उन्होंने सभी पाठको से इसे पड़ने का अनुरोध किया हैं जिससे वे अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके। पुस्तक में हिंदी, अंग्रजी के साथ साथ कुमाऊनी भाषा में भी काव्य संग्रह लिखा गया हैं। प्रोफेसर साहब, इलाज, हैं गयो, date, गिरते मोती, रिसर्च, शुरुवात,एक दिन ऐसा भी, विनोद, प्यार इस दुनिया का और उस दुनिया का, पालनहार, मजबूत पहाड़, वक्त की वाकपटुता इत्यादि विषयो को प्रेम ने अपनी रचना में शामिल किया हैं। पुस्तक प्रेमियों के लिए यह किताब पड़ना एक अनुभव के साथ साथ रुचिकर भी होगी।

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