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रोडवेज कर्मचारियों की तरफ से दर्ज जनहित याचिका का अधिवक्ता एम.सी. पंत ने रखा दमदार पक्ष
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका में पांच माह से वेतन नहीं देने के मामले में सुनवाई करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मामले का संज्ञान लेते हुए 28 जून तक अर्जेंट कैबिनेट बैठक बुलाकर इस पर निर्णय लेने को कहा है। साथ ही सरकार को 29 जून तक न्यायलय की कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देने को कहा गया है। आज मुख्य सचिव, सचिव वित्त, सचिव परिवहन और महानिदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे। अधिवक्ता एम.सी.पंत द्वारा न्यायालय को बताया गया कि फरवरी माह 2021 से जून माह 2021 तक उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों का 68 करोड़ का वेतन बकाया है। इसमें से सरकार ने 23 करोड़ रुपये कल 25 जून 2021 को ही निगम प्रबंधन को अवमुक्त कर दिए है। उच्च न्यायालय ने आज उत्तराखंड सरकार से पूछा कि आपके द्वारा रोडवेज कर्मचारियों के भविष्य के वेतन को आगे भी नियमित करने के लिए कोई नियम या नीति बनाई गई है
सरकारी अधिवक्ताओं ने न्यायालय से आग्रह किया कि कैबिनेट के लिए 15 दिन का समय दे दिया जाए लेकिन उच्च न्यायालय ने शीघ्र अति शीघ्र कैबिनेट बैठक कर इस गंभीर मामले को निपटाने को कहा है। अधिवक्ता एम.सी. पंत ने न्यायालय को बताया कि रोडवेज के 26 कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है। इन्हें पी.एफ.और ई.एस.आई.की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी नहीं मिल रही है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने अधिवक्ता एम.सी. पंत के द्वारा उच्च न्यायालय में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों के हित में रखी गई बात पर अधिवक्ता एम.सी. पंत का धन्यवाद और आभार प्रकट किया है।
संवाददाता:- गौरव शर्मा टनकपुर














