उत्तराखण्ड
शुद्ध पेयजल की मांग, कोसी बैराज से प्रदूषित पेयजल आपूर्ति से निजात दिलाने को भेजा ज्ञापन
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर को स्वच्छ पानी न देने से नाराज क्षेत्रवासियों ने यूकेडी प्रवक्ता केशव काण्डपाल के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 2 दशकों से साफ एवं शुद्ध पेयजल व्यवस्था को तरस रहे अल्मोड़ा के लोग गर्मी आते ही तिलमिलाने लगे हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि 2013 में स्वीकृत कोसी बैराज से अल्मोड़ा नगर को गर्मियों में भी 3 महीने पानी देने का दावा खोखला साबित हो रहा है। उनका कहना है। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में 25 करोड़ की लागत से 54 मीटर लंबे इस बैराज को बनाया गया और दावा किया गया कि 1लाख 30 हजार लोगों को अल्मोड़ा और हवालबाग में यह बैराज पर्याप्त पानी देगा। लेकिन 3 साल बाद इस बैराज के काम पूरा होने पर भी इससे नगर को जो भी पानी मिल रहा है वह नगर को बीमार और परेशानी में डालने वाला है।
क्षेत्रवासियों ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा की बैराज में आए दिन गंदा पानी जमा होता है और सिल्ट आने से अधिकांश दिन यहां से पानी की सप्लाई बंद हो जाती है। जिससे नगर को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है। जो पानी आपूर्ति की जाती है वह न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य। कहा जा रहा है कि यह गंदा पानी वाटर फिल्टरों से भी साफ नहीं हो रहा है। नगर के लोगों की पानी को लेकर मारामारी अभी भी जस की तस है। लोग साफ पानी को पीने के लिए तरस रहे हैं, बोतल बंद पानी व फिल्टर कारोबार खूब फल फूल रहे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बैराज के पीछे 2 किमी लंबे जलभराव में मरे हुए पशु और गाद तथा कई बार शव को देखकर इस पानी को पिया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा है यह कभी भी बड़ी महामारी का कारण बन सकता है। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में लिखा है कि नगर में लगातार विस्तार हो रहा है आबादी बढ़ रही है और जहां एक तरफ पानी की समस्या है वही जल संस्थान नगर को मात्र 8 से 9 एमएलडी पानी ही दे पा रहा है जो चिंताजनक है।
इस दौरान यूकेडी प्रवक्ता केशव काण्डपाल ने कहा की कोसी बैराज की वर्तमान स्थिति इसके निर्माण के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है।उन्होंने लगातार इस पर मंथन किया और पाया कि इस बैराज से पूर्व कौसानी तक कोसी नदी में यदि पांच से छह स्थानों पर छोटे तटबंध बनाकर बरसात में पानी आने वाली गंदगी को रोका जाए तो इस बैराज के पानी को प्रदूषित होने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा यूकेडी अल्मोड़ा इकाई इस बाबत मुख्यमंत्री को तत्काल नदी में मनरेगा अथवा अन्य मद से छह मजबूत चेकडैम बनाने की मांग करती है, जिससे कौसानी सोमेश्वर आदि स्थानों से खेतों की गाद, मरे हुए पशुओं व शवों जैसे पानी को बैराज में आने से पहले रोका जा सकता है।
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अल्मोड़ा नगर कि इस महत्वपूर्ण समस्या को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए ताकि अल्मोड़ा के लोग स्वच्छ पानी पी सके और गंदगी व महामारी से बच सकें।