उत्तराखण्ड
खनस्यूँ तहसील में व्याप्त अव्यवस्थाओं एवं खस्ताहाल सड़कों को लेकर दर्जा पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरु के नेतृत्व ग्रामीणों ने पूर्व में तालाबंदी की घोषणा को लेकर किया धरना प्रदर्शन
संवाददाता शंकर फुलारा
ओखलकांडा। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश पनेरू के नेतृत्व में ख़स्ताहाल सड़कों एवम खनस्यूँ तहसील में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर खंनस्यूँ तहसील में पूर्व में निर्धारित तहसील में तालाबंदी की घोषणा को लेकर धरना प्रदर्शन प्रसतिवित ऐलान था।
जिसके क्रम मे आज पनेरू के नेतृत्व मे प्रात: 10 बजे से धरना प्रदर्शन ग्रामीण जनों ऐवम ग्राम प्रधान बीटीसी मेंबर के साथ शुरू किया गया था सबने सर्व समिति से 12 बजे तक ठोस आश्वासन न मिलने पर ताला बंदी करने की घोषणा की जिससे खंस्यूँ थाना पुलिस, तहसील प्रशासन एवं लोल निर्माण विभाग के अधिकारियों में अफरा तफरी मच गई थी।
मौके पर थाना अध्यक्ष खंनस्यूँ, कानूनगो खंनस्यूँ एवं सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग भवाली ने धरना स्थल पर पहुँचकर बातचीत कर हल निकालने का आग्रह किया जिसको आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हरीश पनेरू ने स्वीकार करते हुए बिंदुवार अधिकारियों के सम्मुख खस्ताहाल सड़कों की स्तिथि से अवगत कराया।
जिसमें हैड़ाख़ान सिमलिया बैंड सड़क, छीड़ाख़ान मिडार सड़क, ल्वाड़ डोबा सड़क, गौन्यारो सड़क, देवली से नाई बरमधार, नरतोला से पहाड़पानी धानाचुली तक, धानाचूली से चाफी तक, भीड़ापानी से पतलिया तक, पस्या से इंटर कॉलेज तक, साल से कालागढ़ बड़ौन तक, सिमलिया बैंड से पतलोट आदि सड़को को तत्काल ठीक करनेएवं खंनस्यूँ तहसील में तत्काल जनरेटर व्यवस्था तत्काल शुरू करने की माँग रखी।
जिस पर काफी बहस बाज़ी के बाद 15 दिन में सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने एवं दो दिन में खंनस्यूँ तहसील में जनरेटर व्यवस्था शुरू करने के पक्के आश्वासन के बाद प्रशासन ने ताला बंदी न करने का अनुरोध किया। ताला बंदी वापस ले ली तथा आंदोलन स्थगित कर दिया जाए जिस पर पनेरु ने आंदोलन एवं ताला बंदी को स्थगित करते हुए चेतावनी दी।
अगर निर्धारित समय के अंदर सभी माँगें पूरी नहीं की गई तो लोक निर्माण के मुख्य अभियंता कार्यालय हल्द्वानी में ताला बंदी की जाएगी जिसकी संपूर्ण ज़िम्मेदारी प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग की होगी।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान पश्यां भोला दत्त कुड़ाई, छात्र संघ कोषाध्यक्ष दीपक कुड़ाई, छात्र संघ सचिव कमल मेवाड़ी, अर्जुन सिंह, महेंद्र सिंह, पंचम मेवाड़ी, हरीश सुयाल, कुशल सिंह, राम लाल, चंद्रप्रकाश, गोपाल सिंह, हरेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह, कमल राम, गोपाल पोखरिया, दयाकिशन रूवाली, रमेश चंद्र कफलटिया, मान सिंह, राकेश चंद्र पोखरिया, हेम सुयाल, दीपू सनवाल सहित सैकड़ों लोगों ने आंदोलन किया।