कुमाऊँ
मुखानी चौराहा:रेड लाइट ट्रैफिक कंट्रोल पर कौन करता है फ्री सेवा,हादसा होते बचा
हल्द्वानी। शहर में इन दिनों जगह- जगह चौराहों पर लगी रेड लाइट का नियम पालन करने के लिए एक प्रकार से लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। बावजूद लोग हैं जो मानते नहीं, चौराहों पर यातायात पुलिस व होमगार्ड के जवान अकसर लोगों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाते नजर आते हैं। कई बार कुछ लोग रेड लाइट की अनदेखी कर बिना सिग्नल मिले बीच में ही चौराहा पार कर जाते हैं। ऐसे में सख्ती नहीं की गई तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
हल्द्वानी शहर का सबसे व्यस्ततम चौराहा मुखानी चौराहा हो गया है। इसे पार करने में कभी घन्टे भी लग जाते हैं, अन्यथा 20 मिनट तो मामूली सी बात है। यहां सबसे पहले रेड लाइट लगाई गई थी, चार तरफ से गुजरने वाले वाहनों को तौर तरीके से हैंडल करना काफी मशक्कत का काम है। यहां काफी देर तक रेड लाइट सिग्नल का इंतजार भी करना पड़ता है, कई दफा देखा गया मौका मिलते ही छोटे वाहन बीच-बीच में चौराहा क्रॉस कर जाते हैं। मजे की बात तो यह है, यहां चारों तरफ से निकलने वाले वाहनों को सिग्नल देना दो पुलिसकर्मियों की बस की बात नहीं है।
आज यहां एक हादसा होते-होते बच गया, बताया गया कि चौराहा पार करते समय कुसुमखेड़ा निवासी गिरधर सिंह को पुलिस के साथ में खड़े एक व्यक्ति ने इशारा करते हुए जाने को कह दिया, गिरधर के अनुसार उस वक्त येलो लाइट टिमटिमा रही थी, पुलिस का इशारा समझ कर जैसे ही वह आगे बड़े, तब तक ट्रफिक चल दिया, इस दौरान हादसा होते-होते बच गया। इसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें रोक लिया और चालान काटने की बात की गई, जब उन्होंने कहा कि मुझे आपके साथ खड़े व्यक्ति ने ही चलने को इशारा किया, तब मालूम पड़ा जिसके कहने पर वह चले वह कोई पुलिस वाला नहीं है, वह फ्री सेवा देने वाला व्यक्ति है।
अकसर वह इस चौराहे में वाहनों की आवाजाही कराता है और उनको संकेत देता रहता है। गिरधर ने बताया पुलिस द्वारा उसे चौराहे से भगाने के बजाय पनाह दी गई है, उससे फ्री में क्यों सेवाएं कराई जा रही है। यदि ऐसा नहीं है तो वह व्यक्ति वहां खड़ा होकर क्यों गाड़ियों को आने-जाने के इशारे करता है। उनका कहना है कि इस चौराहे में अगर ऐसा ही रहा तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यातायात पुलिस को संज्ञान लेना चाहिए।