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उत्तराखण्ड

नई शिक्षा नीति- वंचित तबकों को शिक्षा से बाहर धकेलने का बंदोबस्त : इंद्रेश

रामनगर। सम्मेलन के पश्चात रामनगर बाजार में आइसा ने जुलूस निकाला। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने नैनीताल जिला सम्मेलन करते हुए नई शिक्षा नीति को छात्र विरोधी, निजीकरण हितैषी व पाठ्यक्रम में बदलाव को भारतीयता की बहुलतावादी अवधारणा के विरुद्ध करार दिया गया।

नगर पालिका सभागार रामनगर में हुए जिला सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए आइसा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, “शिक्षा- रोजगार का सवाल आज देश और प्रदेश का महत्वपूर्ण सवाल है। किसी भी देश के आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि शिक्षा और रोजगार के अवसर न्यायपूर्ण तरीके सब को उपलब्ध हों। लेकिन पूरे देश के पैमाने पर शिक्षा से बड़े हिस्से को खास तौर पर वंचित तबकों को धकेलने का बंदोबस्त नई शिक्षा नीति के जरिये कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि, “साहित्य और इतिहास के सिलेबस में जिस तरह का बदलाव किया जा रहा है, वह युवाओं को पढ़ने- लिखने के बावजूद अज्ञानी बनाए रखने का षड्यंत्र है. सिलेबस का यह बदलाव सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का एक और निंदनीय प्रयास है। “इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि,”रोजगार के अवसरों की लूट निर्बाध रूप से पूरे देश में जारी है। मध्य प्रदेश के व्यापम के बाद भाजपा शासित उत्तराखंड युवाओं के सपनों, आकांक्षाओं और रोजगार के अवसरों की लूट के बड़े किले के रूप में उभरा है।

विधानसभा से लेकर यू के एस एस एस सी और उत्तराखंड लोकसेवा आयोग तक, सब नौकरी के लुटेरों के निशाने पर है। नौकरियों की इस लूट में सारे प्रमुख आरोपियों का संबंध भाजपा से है और इसीलिए राज्य सरकार नौकरियों की लूट की सी बी आई जांच करने से कतरा रही है। देश में एक ऐसी सरकार है, जो देश की संपूर्ण संपदा को अपने चहेते पूंजीपतियों पर लुटा देना चाहती है। देश में लोकतंत्र और संविधान को रौंद कर और विपक्ष व जनपक्षधर ताकतों का खात्मा करने का षड्यंत्र केंद्र की मोदी सरकार कर रही है।

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अमृतकाल की जोरशोर से तुरही बजाई जा रही है, लेकिन पूरे देश में सांप्रदायिक और जातीय हिंसा का जहर घोला जा रहा है। सारे धार्मिक उत्सवों को उन्माद, सांप्रदायिक हिंसा और घृणा के प्रसार के अवसरों में तब्दील किया जा रहा है। देश के छात्र- युवाओं को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों का हिंदुस्तान बनाने के लिए शिक्षा और संघर्ष के मोर्चे पर मजबूती से खड़े होना चाहिए। यही देश को लूट, झूठ और सांप्रदायिक जहर के राज से बचाने का क्रांतिकारी रास्ता है।

ट्रेड यूनियन ऐक्टू नेता डा. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “सरकार नई शिक्षा नीति की आड़ में असल में न केवल शिक्षा के निजीकरण को तेज कर रही है बल्कि पाठ्यक्रमों में अंधविश्वास, रूढ़िवादिता को बढ़ावा दे भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना की ही धज्जियां उड़ा रही है। हमें ऐसी शिक्षा नीति के लिए संघर्ष तेज करना होगा जो न केवल निःशुल्क सरकारी व्यवस्था हो बल्कि भारतीय संविधान के तहत समता, समानता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को मजबूत करती हो।

गढ़वाल विश्वविद्यालय के आइसा नेता अतुल सती ने किया कि, “अपनी स्थापना के वर्ष 1990 से ही आइसा ने छात्र नौजवानों के बुनियादी सवालों पर जुझारू पहलकदमी लेते हुए अपनी क्रांतिकारी छवि बनाई है। उत्तराखण्ड में भी आइसा का संघर्षों का इतिहास रहा है। आइसा ने फीस वृद्धि, पुस्तकालय, कैम्पस लोकतन्त्र,करप्शन व महिलाओं की सम्मानजनक सुरक्षित जिंदगी के सवालों पर हमेशा संघर्ष किया है।

जिला सम्मेलन के अवसर पर धीरज कुमार, ललित मटियाली, विकास सक्सेना, सुमित, नेहा आर्य, हेमा जोशी, रेखा आर्य, नीरज सिंह, संजना यादव, सुहानी कोहली, सविता, संदीप कोहली, करिश्मा आर्य, कोमल, निकिता, ज्योति, सिमरन, प्राची, तक्की, भावना, शबाना खातून, आकांक्षा, रवि जंगी, करन कुमार, विजय कुमार, वंश, अजय, हर्षित, ज्योति सिंह, विशाल प्रजापति, मनीषा आर्य, रवीना, निधि, अंजली, अभिषेक शाह, पूजा, अमन, कविता, निधि, हिमानी, श्वेता, सुशीला, अमीषा, वैजयंती, भूमिका दास, सरिता, रीना, उर्मिला, आबिदा, शालिनी, खुशी, भावना, रीतू प्रजापति, रचना, निशा, मनीषा कोहिली, अदिति, पूजा कुमारी, विवेक कुमार, हिमांशु आदि छात्र छात्राओं ने सक्रिय रूप से भागीदारी की।

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कार्यक्रम की शुरुआत में आ गए यहां जवां कदम, इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें जैसे क्रांतिकारी गीतों को गाया गया। जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये गये कि: नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाय, पाठ्यक्रम में बदलाव को वापस लिया जाय, शिक्षा का निजीकरण बंद किया जाय, केंद्रीय बजट का न्यूनतम 10 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाय, उत्तराखण्ड राज्य में हुई सभी भर्तियों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाय।

सम्मेलन में कार्यकारिणी और पदाधिकारियों का चुनाव किया गया, ग्यारह सदस्यीय जिला कमेटी का गठन किया गया जिसमें से धीरज कुमार को जिला अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष नेहा आर्य व संजना यादव ,सचिव विकास सक्सेना , दो उपसचिव हेमा जोशी व सविता कुमारी , प्रचार सचिव नीरज सिंह को चुना गया, सुमित, सुहानी, ज्योति फर्त्याल को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया।सम्मेलन के पश्चात रामनगर बाजार में आइसा ने जुलूस निकाला।

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