Connect with us

उत्तराखण्ड

छावनी अंतर्गत निवास करने वाले गरीब भूमिहीन परिवारों को आज तक आवास व भूमि उपलब्ध नहीं

रानीखेत। 42 वर्षो से लगातार संघर्ष के उपरांत भी रानीखेत छावनी अंतर्गत निवास करने वाले गरीब भूमिहीन परिवारों को आज तक न तो आवास और न ही भूमि उपलब्ध है। जबकि सरकार द्वारा गरीब कमजोर वर्गों के लिए निरंतर योजनाए चलायी जा रही है। लेकिन रानीखेत छावनी में निवास करने वाले गरीब व कमजोर लोग इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए संघर्षरत है।

1980 में सहायक आयुक्त रानीखेत विभा पूरी द्वारा हरिजन कल्याण समिति अध्यक्ष को अवगत कराया गया था की सन 1979 में दिए ज्ञापन में वर्णित स्थान को छावनी परिषद् अंतर्गत होने के कारण उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया किराज्य सरकार कि निर्विवाद भूमि को गवर्नमेंट ग्राण्ड एक्ट हेतु भूमि के लिए आवेदन किया जा सकता है।1980 में पुनः हरिजन कल्याण समिति ने तत्कालीन जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मांग की कि आवासहीन परिवारों के लिए रानीखेत के पास 82 नाली राज्य सरकार अंतर्गत भूमि जो कि सिविल अंतर्गत बेनाप व बंजर है, उपलब्ध कराया जाए। 1980 में परगना मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्वारा जिलाधिकारी अल्मोड़ा को पत्र प्रेषित कर कहा गया कि नायब तसीलदार द्वारा भूमिहीन 64 परिवारों कि जांच कर पाया गया कि ये परिवार भूमिहीन है तथा ये मेहनत मजदूरी कर किसी प्रकार अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया कि एक स्थान पर भूमि उपलब्ध करना संभव नहीं है लेकिन गवर्नमेंट ग्राण्ड एक्ट के अंतर्गत अलग अलग स्थानों पर भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है।

वर्तमान में 42 वर्षो बाद भी गरीब भूमिहीन परिवार आज भी इन योजनाओ के लाभ से वंचित है। उस सन्दर्भ में 1980 में यहाँ चिलियानौला में आवास विकास कॉलोनी के लिए भूमि चिलियानौला में चिन्हित कि गयी थी। लेकिन 42 वर्षो बाद भी आवास विकास कॉलोनी ठन्डे बस्ते में कैद है ।

यह भी पढ़ें -  ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराने के बाद कार में लगी आग

इस विषय में मोहन नेगी जिलाध्यक्ष व्यापार मंडल ने संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत के माध्यम से जिलाधिकारी को एक पत्र प्रेषित कर 2016 कि नियमावली के आधार पर भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराये जाने हेतु एक पत्र प्रेषित किया है। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा राज्यमंत्री से भी अटल आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना में भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध करवाने हेतु पत्र प्रेषित किया है। जिसके बाद अब यह मामला राज्य सर्कार व केंद्र सरकार में मध्य लगातार घूम रहा है। इस सन्दर्भ में लोगों का कहना है कि आवास विकास कॉलोनी के माध्यम से गरीबों व भूमिहीनों कि समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News