कुमाऊँ
कांग्रेस प्रवक्ता दीपक की जनहित याचिका पर न्यायालय ने जारी किया नोटिस
प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस दीपक बल्यूटिया ने आक्सीजन व आईसीयू बेड की हल्द्वानी में कमी व टीकाकरण, आरटीपीसीआर व प्लाजमा बैंक के उचित प्रबन्धन हेतु दायर जनहित याचिका मे सरकार को नोटिस जारी।
हल्द्वानी। माननीय उच्च न्यायालय ने दीपक बल्यूटिया द्वारा दायर एक जनहित याचिका मे सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैंं। इस जनहित याचिका के माध्यम से हल्द्वानी में आक्सीजन व आईसीयू बेड की भारी कमी का मुददा उठाया गया है जबकि सम्पूर्ण कुमाॅऊ के कोविड से सम्बंधित गंभीर मरीज़ का इलाज हल्द्वानी में ही हो रहा है जिससे हल्द्वानी के अस्पतालों में अत्यधिक दबाव वह व्यवस्थाओं की कमी है।
जनहित याचिका के तहत आर०टी०पी०सी०आर टेस्ट करने के लिए उचित योजना बनाने का अनुरोध किया गया , साथ ही हल्द्वानी में बढ़ते दबाव व प्लाज्मा की ज़रूरत को देखते हुए प्लाज्मा बैंक बनाने का अनुरोध किया क्योंकि प्लाज्मा बैंक होने से कोविड बीमारी से ठीक हुए मरीज जो प्लाज्मा देना चाहते है वो प्लाजमा बैंक में अपना प्लाज्मा दे सकेंगे, जिससे बैंक में समुचित मात्रा में प्लाज्मा होने से मरीज़ों की समय पर जान बचाई जा सके। वर्तमान में जबकि पूरे भारत में कोविड टीकाकरण अभियान चल रहा है परन्तु सरकार द्वारा इस टीकाकरण अभियान के कुशल प्रबंधन हेतु कोई कदम नही उठाए गए । प्राइवेट व सरकारी अस्पताल में टीकाकरण हेतु बैठने की उचित व्यवस्था नही है व टीकारण हेतु भारी भीड जमा हो रही है, जिससे और भी संक्रमण का खतरा है।
टीकाकरण के लिये एक दिन में 150 से 200 व्यक्ति अस्पताल में बुलाये जाते है। आम जनमानस को पहले तो 250/- रूपये की पर्ची के लिये लम्बी लाईन लगानी पड़ती है। इसके बाद रजिस्टर में उनकी लिस्ट बनायी जाती है जिससे लम्बी लाईन लगती है व तदुपरान्त टीकारण के बाद आधे घण्टे बैठने के लिये वे इधर उधर समय गुज़ारते है।ऐसी परिस्थिति से निपटने हेतु सरकारी व ग़ैर सरकारी स्कूल जो बन्द पडे है उनमें कोविड टीकाकरण प्रबंधन का अनुरोध किया गया है। जिससे स्कूलो के प्रत्येक कक्ष में 10 व्यक्ति उचित समाजिक दूरी के साथ बैठाये जा सके। संक्रमण का खतरा न हो, साथ ही पैरा मेडीकल स्टाफ के स्थान पर रजिस्टर भरने का काम अन्य सरकारी कर्मचारी को देने का अनुरोध किया है जो कि कोविड काल में अन्य सेवा नही दे रहे हैं। जिससे पैरामडेीकल स्टाफ़ की कमी न हो व उन पर अन्य रजिस्टर भरने का बाझे न रहे। इसके अलावा टीकाकरण प्रबन्धन आवश्यक है कि एक और तो 45 से ऊपर आयु वर्ग के व्यकित जिन्हे एक टीका लग चुका है का टीकाकरण वैक्सीन की कमी के कारण दूसरा टीका निरस्त किया जा रहा वही दूसरी और 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है, जिससे भविष्य में 18 से 44 आयु वर्ग को पहला टीका लगने के बाद वैक्सीन की कमी आ सकती है। कोर्ट इस मामले में 20 मई को तय अगली तारीख में विस्तृत दिशा निर्देष जारी करेगा ।