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उत्तराखण्ड

सदियों से बहने वाला जल स्रोत सूखने की कगार पर, बृजवासी ने राज्य के मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन, स्रोत सूखने के कारणों की जांच एवं पुनर्जीवित करने की माँग

संवाददाता – पूरन रुवाली/शंकर फुलारा

भीमताल। जहाँ प्रशासन जल संरक्षण की बड़ी-बड़ी बाते एवं सेमिनार कर रहा है वही झीलों के शहर भीमताल कुमाऊँ राज मार्ग पर सदियों से बहने वाला 15 से 20 लीटर प्रति मिनट की क्षमता से ये जल स्रोत पिछले साल अप्रैल माह से अचानक धीरे-धीरे सूख चुका है।

जिसके सूखने के कारण पता करने पर जल संस्थान, सिंचाई विभाग, वन विभाग, प्राधिकरण विभाग, नगर पंचायत एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौन बैठे हैं, जबकि ये जल स्रोत भीमताल झील को रीचार्ज करने का मुख्य स्रोत था, इसके सूखने से नगर वासी चिंतित हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अपने जीवन काल में पहली बार ये स्रोत सूखा देखा, इस जल स्रोत के सूखने से आस-पास के इलाके में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है,जल संरक्षण से जुड़ी गंभीर एवं चिंतित समस्या को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने अब तक तमाम दर्जनों बार मांग निम्न स्तर से लेकर मुख्यमंत्री तक कर दी किन्तु शासन-प्रशासन इस ओर कार्यवाही करने में असमर्थ दिखा।

उन्होंने बताया कि पिछले साल माननीय मुख्यमंत्री जी के घोड़ाखाल मंदिर आगमन पर उन्हें प्रत्यक्ष स्वयं मांग की थी जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय से 11 मई 2022 को पत्रांक संख्या 4511 का संज्ञान लेकर प्रशासन को जांच के निर्देश दिए थे, किन्तु उसके बाद अब तक कोई सूचना नहीं मिली।

अब फिर गर्मी आने वाली है नगर वासी सभी चिंतित हैं एसे ही जल धाराएं सूखती रही और प्रशासन जांच करने में नाकाम रहे तो फिर बड़ी-बड़ी बाते जल संरक्षण पर करने से कोई लाभ नहीं, ब्रजवासी ने आज पुनः मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल द्वारा उत्तराखंड मुख्य सचिव को सूखे जल स्रोत की तत्काल जाँच एवं पुनर्जीवित विषयक ज्ञापन भेजा l

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