राष्ट्रीय
हार्ट अटैक से हुआ पंडित बिरजू महाराज का निधन
देश के लोकप्रिय कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का रविवार की देर रात निधन हो गया है. उन्होंने 83 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पंडित बिरजू महाराज का असल नाम बृजमोहन मिश्रा था। उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट के जरिये उनके निधन की जानकारी दी है. वहीं उनकी पौत्री रागिनी महाराज ने जानकारी दी है कि बिरजू महाराज का पिछले एक महीने से इलाज चल रहा था। उन्हें रविवार देर रात 12:15 बजे और 12:30 बजे के बीच सांस लेने में तकलीफ हुई. इसके बाद उन्हें 10 मिनट में अस्पताल ले जाया गया। लेकिन बचाया नहीं जा सका.पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था।
उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने फेसबुक पर उनके निधन की जानकारी देते हुए लिखा, ‘बहुत ही गहरे दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि आज हमने अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू जी महाराज को खो दिया. 17 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!’बिरजू महाराज को उनके शिष्य प्यार से पंडित जी या महाराज जी बुलाते थे। पद्म विभूषण से सम्मानित कथक नर्तक बिरजू महाराज ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि इस कला का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि भले ही शास्त्रीय नृत्य सभी के सीखने की चीज न हो लेकिन ऐसे कलाकारों की पर्याप्त संख्या है जो इस परंपरा को आगे ले जा रहे हैं.वहीं पंडित बिरजू महाराज के निधन पर गायक अदनान सामी ने भी दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की जानकारी से अत्यंत दुखी हूं। हमने कला के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान खोया है। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है. उनकी आत्मा को शांति मिले.’गायिका मालिनी अवस्थी ने भी शोक जताते हुए कहा, ‘आज भारतीय संगीत की लय थम गई. सुर मौन हो गए. भाव शून्य हो गए. कथक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नहीं रहे. लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई. कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए। आह! अपूर्णीय क्षति है यह ॐ शांति’