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उत्तराखण्ड

स्वस्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लुट रही मरीजों की जेब

हल्द्वानी। कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी स्थित मेडिकल कॉलेज, सुशीला तिवारी अस्पताल की एमआरआई मशीन खराब पड़ी हुई है,नई मशीन अस्पताल में पहुंच चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के ढीले रवैये के कारण आजतक एमआरआई मशीन इंस्टॉल नहीं हो पाई है ।

6 जनवरी 2023 से अस्पताल में एमआरआई बंद है, जिस कारण कुमाऊं भर के मरीज निजी संस्थानों में जांच करवाने के लिए मजबूर है । जहां एक तरफ सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के विज्ञापन लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ हालात कुछ दूसरे नजर आते हैं ।

रिपोर्ट कहती है लगभग 40 मरीज 1 दिन में सुशीला तिवारी अस्पताल में एमआरआई के लिए आते थे परंतु एमआरआई खराब होने के कारण मजबूर होकर उन्हें निजी संस्थानों में जांच करानी पड़ रही है और 2500 की जगह ₹7000 खर्च कर जांच करने पड़ रहे है।

पूर्व में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा० अरुण जोशी द्वारा दिए गए बयान के अनुसार मार्च के मध्य तक एमआरआई जांच शुरू हो जाएगी कहा गया था परंतु, अब कहा जा रहा है कि अभी लगभग 1 माह का समय और लग जाएगा ।बताया जा रहा है मशीन फिट कर दी गई है और कंपनी को जल्द इंस्टॉलेशन का काम पूरा करने के लिए कहा गया है। कंपनी का कहना है कि हिलियम गैस ना मिल पाने के कारण मशीन इंस्टॉलेशन का काम पूरा नहीं हो पा रहा है।

सवाल यह है कि आखिर क्यों स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं मंत्री इसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं जबकि रेडियोलॉजी विभाग के अनुसार यदि बिल्डिंग तैयार हो तो 15 दिन के अंदर इंस्टॉलेशन का काम पूरा कर अगले 15 दिन ट्रेनिंग पूरी हो जाती है।

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बेस अस्पताल हल्द्वानी में सीटी स्कैन जांच भी पिछले 1 सप्ताह से बंद है, जिसका कारण अस्पताल में एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट का होना बताया जा रहा है जो अवकाश पर चल रहें हैं ।राज्य में पुनः कोरोनावायरस ने दस्तक दी हैं और सरकारी अस्पतालों की इन स्थिति के साथ, यदि कोरोनावायरस मरीजों की संख्या बढ़ती है तो कैसे लड़ा जाएगा यह एक सवाल बन चुका है।

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