उत्तराखण्ड
कविता,शक्तिशाली कलम
आराधना शुक्ला द्वारा लिखी गई कविता ‘शक्तिशाली कलम,
शक्तिशाली कलम
कलम ही रफ्तार थी, उसके ज़िन्दगी की
कलम के ही प्रति साजिस की गई।
फ़िर से वही कलम, बुलंद आवाज बनेगा
जिन्होंने सताया, उनके लिए सैलाब बनेगा।
हमारे इरादे न कल गलत थे, और न ही आज है
बस थोड़ा वक्त चाहिए, फिर तो सिर्फ हमारा ही राज है।
शायद हमने दूसरो को उतना समझाया नही
जिस कारण उनका चेहरा कभी मुस्कुराया नहीं।
उन्हें क्या पता, सच को कभी समझाया नही जाता
बिना बात कभी, मुर्झाया नही जाता ।
लोगो को दूसरे की खुशी सहन नही होती।
और हमसे किसी की झूठी बाते वहन नही होती।
जिस कलम के प्रति तुम्हारी साजिस थी, वो जरूर कुछ कर दिखाएगा
आज नही तो कल , तुम्हारा सिर झुक जाएगा।।
संपादक: आराधना शुक्ला (ग्रीन पैंथर) उत्तराखण्ड