उत्तराखण्ड
8 वर्षीय दिव्यांशु के परिवारजनों के लिए देवदूत बनी पुलिस।
बद्रीनाथ (शिवम फरस्वाण)। श्री बदरीनाथ धाम में माणा पार्किंग के पास चमोली पुलिस के जवान बीरेन्द्र ने सड़क किनारे नंगे पैर एक घबराए हुए बालक को अकेले भटकते हुए देखा। कांस्टेबल बीरेन्द्र ने तत्काल मानवीयता का परिचय देते हुए बालक को सहारा दिया और उसे अपनी गोदी में उठा लिया। प्यार से पूछने पर बालक ने अपना नाम दिव्यांशु, उम्र 8 वर्ष और मूल निवास स्थान शामली, उत्तर प्रदेश बताया। उसने बताया कि वह अपने परिवार के साथ श्री बदरीनाथ धाम आया था और भीड़ या रास्ते में उनसे बिछड़ गया।नन्हे दिव्यांशु की आपबीती सुनकर कांस्टेबल बीरेन्द्र ने जरा भी देर न करते हुए उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी। उन्होंने आसपास के सभी होटलों, धर्मशालाओं और संभावित स्थानों पर पता किया, लोगों से पूछताछ की। काफी मेहनत और अथक प्रयासों के बाद, दिव्यांशु के परिवार का पता चल पाया।कुछ समय बाद, दिव्यांशु की बड़ी बहन उसे लेने के लिए वहां पहुंच गई। कांस्टेबल बीरेन्द्र ने सकुशल बालक दिव्यांशु को उसकी बड़ी बहन के सुपुर्द कर दिया। बच्चे को वापस पाकर परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने राहत की सांस ली।दिव्यांशु के परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस और विशेष रूप से कांस्टेबल बीरेन्द्र का हृदय से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जवान की तत्परता और दयालुता के कारण ही उनका बच्चा सुरक्षित मिल पाया। पुलिस की इस त्वरित और मानवीय कार्रवाई की स्थानीय लोगों ने भी सराहना की है।
















