Connect with us

उत्तराखण्ड

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जनपद के किसानों की मजबूत हो रही आर्थिकी

पिथौरागढ़। जुलाई 2015 को हर खेत को पानी के आदर्श वाक्य के साथ शुरू की गई प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को सुनिश्चित सिंचाई के साथ खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करने, पानी की बर्बादी को कम करने और जल उपयोग दक्षता में सुधार करने के लिए कार्यान्वित किया गया है। पीएमकेएसवाई न केवल सुनिश्चित सिंचाई के लिए स्रोत बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि ष्जल संचयष् और जल सिंचन के माध्यम से सूक्ष्म स्तर पर वर्षा जल का दोहन करके सुरक्षात्मक सिंचाई भी बनाती है। प्रति बूंद-अधिक फसल सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई को भी प्रोत्साहित किया जाता है।

कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी ने बताया कि इस योजना के जरिये जनपद के हर खेत को पानी पहुँचाना है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से जल संसाधनों को अधिकतम उपयोग पर बल दिया गया हैं, ताकि बाढ़ और सूखे के आवेग से होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और साथ ही किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी। जिससे उनकी आर्थिकी में भी सुधार होगा।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सम्बंध में कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में मानसिंह पुत्र नैन सिंह द्वारा एक सिंचाई टैंक का निर्माण किया गया था। जिसके द्वारा कृषक को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है। जिससे उनके द्वारा सब्जियां एवं फलों का अधिक उत्पादन किया जा रहा है।

मानसिंह ने बताया कि पी.एम.के.एस.वाई परियोजना से पूर्व उनकी आय प्रतिवर्ष मात्र 80 हजार तक होती थी परन्तु सिंचाई सुविधा मिलने के बाद उनकी आय में लगभग तीन से चार लाख रुपए प्रति वर्ष की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही उनके द्वारा सिंचाई टैंक के माध्यम से 10 नाली बंजर भूमि को कृषि कार्य के लिए संचित कर लिया गया हैं।

यह भी पढ़ें -  गंगा में डूबे सिपाही का शव एसडीआरएफ की टीम ने किया बरामद

कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में श्याम सिंह ने यहां एक सिंचाई टैंक का निर्माण किया गया था। जिसके द्वारा कृषक को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है। जिससे कृषक द्वारा सब्जी एवं फलों का और अधिक उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई टैंक से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से लाभार्थियों को लाभ प्राप्त हुआ है। जिसमें राम सिंह, सोहन पांडे, पूरन पांडे, प्रेम सिंह, हर सिंह, मोहन सिंह तथा सुरेश सिंह को लाभ प्राप्त हुआ है।

कृषक श्याम सिंह ने बताया कि सिंचाई सुविधा मिलने के बाद उनकी आय में लगभग 2 से 3 लाख रुपए प्रतिवर्ष की वृद्धि हुई हैं जो इससे पूर्व मात्र 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष होती थी। उन्होंने बताया कि सिंचाई टैंक बनने के बाद उन्होंने 10 नाली बंजर भूमि को कृषि कार्य हेतु सिंचित किया है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

More in उत्तराखण्ड

Trending News