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उत्तराखण्ड

पुलिस-प्रशासन की तैयारियां तेज, यूपी और उत्तराखंड अधिकारियों की हुई बार्डर बैठक

कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद तथा उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद पुलिस की जनपद मुजफ्फरनगर के पुरकाजी थाने में बार्डर बैठक हुई।

समें पुलिस क्षेत्राधिकारी मंगलौर बहादुर सिंह चौहान, मंगलौर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज मेनवाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी लक्सर मनोज ठाकुर, लक्सर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी पुरकाजी, थानाध्यक्ष पुरकाजी, थानाध्यक्ष खानपुर तथा नारसन व गोवर्धनपुर पुलिस चौकी प्रभारी शामिल रहे।

बैठक में कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात संचालन व शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा आपसी सामंजस्य को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। कांवड़ यात्रा के दौरान एक-दूसरे को सूचनाओं का आदान-प्रदान किए जाने के संबंध में वार्ता की गई।

हाईवे के बीच खड़े खंबे कांवड़ यात्रा में बनेंगे परेशानी का सबब
वहीं हरिद्वार-नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाईवे के बीच खड़े बिजली के खंबे कांवड़ यात्रा के दौरान परेशानी का सबब बन सकते हैं। रसियाबड़ के समीप जहां एक ओर जंगली जानवरों के लिए कारिडोर बन रहा है, तो वहीं हाईवे के बीच खड़े बिजली के खंभों से यातायात प्रभावित हो रहा है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान यह खंबे पुलिस एवं जिला प्रशासन के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। चार जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होनी है।

कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचते हैं। यहां से गंगाजल भरकर सभी अपने शिवालयों की ओर प्रस्थान करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान पूरे हरिद्वार शहर सहित हाईवे में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। फाल्गुनी कांवड़ में ही हरिद्वार-नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम के कारण वाहनों की लंबी-लंबी कतार लग गई थी। उसमें पुलिस के लिए यातायात सुचारू करना किसी मुसीबत से कम नहीं था।

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अब सावन की कांवड़ में तो शिव भक्तों का काफी अधिक दबाव रहता है। वहीं वर्तमान में हरिद्वार रिजर्व राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम होने के साथ ही रसियाबड़ के समीप दो स्थानों पर जंगली जानवरों के हाईवे पार करने के लिए कारिडोर बनाया जा रहा है। एक बार कारिडोर तो वहीं हाईवे के बीचोंबीच बिजली के खंभे से यातायात प्रभावित हो रहा है। आए दिन इन खंबों में कई वाहन चालक टकराकर चोटिल भी हो चुके हैं, बावजूद इसके ऊर्जा निगम उन खंबों को हटाने की जहमत नहीं उठा रहा है।

कार्यदायी संस्था कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को खंबे हटाने के लिए पत्राचार भी कर चुकी है। वहीं कांवड़ यात्रा के दौरान जब शिवभक्त कांवड़ यात्री इस मार्ग से अपने गंतव्य की ओर जाएंगे, तो उसमें यहां भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वर्तमान में वहां सिर्फ एक वाहन के निकलने का ही रास्ता शेष बचा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
बिजली के खंबे, जितनी जमीन हाईवे के लिए अधिकृत की है, उसके अंतिम छोर पर हैं। वन विभाग अपनी भूमि में खंबे गाड़ने की अनुमति नहीं देता है। फिर भी कांवड़ मेले को देखते हुए उचित व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे कि शिवभक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

बिजली के खंबे शिफ्ट करने के लिए कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। पूर्व में इन खंबों से टकराकर कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। अगर खंबे नहीं हटे तो कांवड़ में अव्यवस्था फैल जाएगी। आजकल ही कभी-कभी काफी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अगर कोई घटना घटी है, तो उसके जवाब भी एनएचएआइ की होगी।पिछले दिनों कांवड़ यात्रा को लेकर हुए संयुक्त निरीक्षण में खंबे हटाने की बात सामने आई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को जल्द खंबे हटाने के लिए पत्र लिखा गया है।

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