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उत्तराखण्ड

बैंकाक में नौकरी का सपना दिखाकर युवकों को म्यांमार में फंसाने वाला राहुल उपाध्याय गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय गिरोह के खुलासे की उम्मीद

खटीमा और बनबसा के छह युवकों को ठगकर म्यांमार में बंधक बनाने वाले मुख्य आरोपी राहुल उपाध्याय को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ पहले से ही लुकआउट नोटिस जारी था। यह मामला मई 2024 का है, जब राहुल उपाध्याय और गुजरात के पोरबंदर निवासी रामजी टुकडिया उर्फ जय जोशी ने सीमांत क्षेत्र के छह युवकों को बैंकाक में नौकरी दिलाने का लालच दिया था। युवकों को पहले दिल्ली बुलाया गया और फिर बैंकाक भेजा गया, लेकिन वहां से उन्हें धोखा देकर म्यांमार पहुंचा दिया गया, जहां उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और उन्हें साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया गया।

बंधक बने युवकों ने किसी तरह व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपने परिजनों से संपर्क किया, जिसके बाद मामला राज्य सरकार तक पहुंचा। सरकार ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर युवकों को भारत वापस लाने में मदद की। इस घटना के बाद पुलिस ने राहुल और जयदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जयदीप को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन राहुल फरार था। आखिरकार 23 मार्च को पुलिस ने राहुल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया और उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।

राहुल ने युवकों को 70,000 रुपये प्रतिमाह वेतन का लालच दिया था। उन्हें एजेंट के माध्यम से पहले बैंकाक और फिर म्यांमार भेजा गया, जहां उन्हें जबरन साइबर क्राइम में शामिल किया गया। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह में देहरादून, गुजरात, दिल्ली और मुंबई के कई लोग शामिल हो सकते हैं। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें मानव तस्करी और साइबर अपराध में धकेलता है। इन गतिविधियों से जुड़े एजेंटों को मोटा कमीशन मिलता है।

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राहुल उपाध्याय की गिरफ्तारी से पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, लेकिन इस पूरे नेटवर्क की जांच अभी जारी है। पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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