कुमाऊँ
विचाराधीन बंदियों के संबंध में पन्द्रह दिन में होगी समीक्षा बैठक
चंपावत। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा (भारत) वर्ष की विभिन्न जेलों में निरुद्ध बंदियों की अमानवीय दशा में सुधारात्मक दृष्टिकोण एवं कोविड-19 महामारी के तहत रिट पिटिशन (सी) में दिए गए निर्देशों एवं पूर्व में माननीय उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल से प्राप्त जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया गया। जिसके अंतर्गत माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के क्रम में प्रत्येक माह 15 दिन के अंतराल पर समिति द्वारा जनपद चंपावत के विचाराधीन बंदियों के संबंध में समीक्षा बैठक नियमित रूप से की जानी है। इस क्रम में विचाराधीन बंदियों के संबंध में 15 जून को जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंपावत, श्री उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गूगल मीट के माध्यम से विचाराधीन बंदी के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में कुछ बिंदुओं पर चर्चा की गई जो इस प्रकार हैं- न्यायिक बंदी गृह लोहाघाट एवं जिला कारागार अल्मोड़ा से प्राप्त जनपद चंपावत के विचाराधीन बंदी एवं सजायाफता बंदियों के विवरण की सूची पर अवलोकन किया गया, 14 जून को न्यायिक बंदी गृह लोहाघाट में 24 विचाराधीन एवं 22 सजायाफता बंदी विरुद्ध है एवं जिला कारागार अल्मोड़ा में 66 विचाराधीन बंदी एवं 07 सजायाफता कैदी निरुद्ध है, समीक्षा बैठक के दौरान कोई कोई ऐसा बंदी नहीं पाया गया जो गरीबी के कारण या अन्य कारणों से अपने बचाव के के लिए अधिवक्ता प्राप्त करने से वंचित रहा हो तथा कोई बंदी आर्थिक असमर्थता या अन्य परिस्थितियों के कारण से अपने बचाव के लिए अधिवक्ता न रख सका हो उनको पैरवी हेतु निशुल्क अधिवक्ता सरकारी व्यय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंपावत द्वारा प्राप्त किया गया है।
जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश चंपावत द्वारा भी निर्देश दिया गया है कि न्यायिक बंदी गृह लोहाघाट में बंदियों हेतु भोजन व्यवस्था को मानक के रूप में उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जेल अधीक्षक अल्मोड़ा को बताया गया है कि जिन दोष सिद्ध अपराधी को कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लग गई है उनको शीघ्र ही नियमानुसार द्वितीय डोज़ लगवाया जाएगा। इस बैठक में जिला अधिकारी विनीत तोमर, पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश्वर सिंह, अधीक्षक जिला कारागार अल्मोड़ा, संजीव ह्यांकी, न्यायिक बंदी गृह लोहाघाट हरीश गहतोड़ी आदि मौजूद रहे।