कुमाऊँ
कोरोना की त्रासदी को कम करने में जुटे वैज्ञानिक डॉक्टर संजीव उपाध्याय
पड़-लिखकर सभी आराम की ज़िन्दगी गुजारने चाहते हैं , इसिलए अच्छी शिक्षा की तलाश में पलायन आज भी बदस्तूर जारी है। विरले ही है जो एक मुकाम हासिल करने के बाद भी अपनी पहाड़ की मिट्टी में जड़ जमाये रखते हैं । वे न सिर्फ हवा पानी बदलने अपने घर पहाड़ आते जाते रहते है बल्कि यह के लोगो की मदद करने के लिए भी आगे आते हैं। उत्तराखंड के मिनी काश्मीर कहे जाने वाले पिथोरागढ़ जनपद के तहसील बेरीनाग के एक छोटे से कस्बे राई-आगर के डॉक्टर संजीव उपाध्याय जो पेशे से वैज्ञानिक है समय समय पर लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाते रहते हैं। कोरोना काल में भी प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक संस्थान बंगलूरू में वैज्ञानिक के पद पर काम करने वाले संजू ने अपने क्षेत्र, गांवो के लोगों की मदद करना नही भूले।
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई से भौतिकी में शोध की डिग्री के बाद पोस्ट डाक्टरल के लिए डॉक्टर उपाध्याय का चयन भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलूरू,कर्नाटक में हुआ। वैज्ञानिक रहते हुए उन्होंने कभी अपनी बुनियाद को भुलाने नही दिया। राई-आगर, बेरीनाग जैसी छोटी जगहों से भी लोग अपना मुकाम बना सकक़्ते है, ये इसका जीवंत उदाहरण है। जमीन से जुड़े होने व विनम्रता के कारण लोग आह भी उनके घर आने की राह देखते रहते है। आस- पास के बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक कर उच्च शिक्षा के लिए भी प्रेरित करते रहते हैं।
बंगलूरू स्थिति प्रोजेक्ट सेव देवभूमि व जनपक्ष के संयुक्त तत्वाधान के प्रयासो से डॉक्टर संजू मास्क,हैंड वाश,सैनिटाइजर, ग्लोब्स,हेड शील्ड,पेरासिटामोल,विटामिन सी की गोलियां, इंफ्रारेड थर्मामीटर, ऑक्सिमिटर इत्यादि का डिब्बा लिए लोगों के घरों तक पहुच रहे हैं। ‘किसी का जीवन बच जाय इससे बड़ी दूसरी कोई मानव सेवा नही’ अक्सर इन्ही वाक्यों के साथ सामाजिक सेवा में लगे रहते है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरीनाग एवं गंगोलीहाट के डाक्टर्स इन सामग्रियों को पाकर अपने की और मज़बूत पा रहे हैं। हेल्थ वर्कर्स, डॉक्टर्स रात दिन एक कर इस कोरोना के युद्ध को प्रथम पंक्ति में रहकर लड़ रहे हैं।गंगोलीहाट सामुदायिक केंद्र में तो संजू ने ऑक्सीजन कंस्ट्रुक्टर देने की बात कर सबका दिल जीत लिया।
निकटवर्ती गांवो खेती,काहकोट, राई-आगर, तल्लासेरा,चौरमन्या, आमहाट, जाड़ापानी,पांखू,त्रिपुरादेवी,धारिचुला,महरूढ, कांडे किरौली ,धरमघर,राममंदिर, ब्याति , चाक बोरा, झौचूण,इत्यदि जगहों में जाकर लोगो को कोरोना महामारी के प्रति सतर्क किया व इससे संबंधित आवश्यक सामग्री वितरित की। सामाजिक कार्यकर्ता व विज्ञान के प्रचार प्रसार से जुड़े शिक्षक प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल ‘ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त कर प्रेरणादायक बताया। और सामूहिक रूप से सभी को कोरोना के टीके लगवाने को कहा। प्रोजेक्ट सेव देवभूमि व जनपक्ष में भारतीय तकनीकी संस्थान, वैज्ञानिक संस्थान, प्रबंधन संस्थान व उनके एलुमिनी व देहरादून से भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी सहित कई नामचीन लोग जुड़े है।