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उत्तराखंड की पदक की उम्मीदों को झटका, 38वें राष्ट्रीय खेल से वॉक रेस बाहर
हल्द्वानी। 38वां राष्ट्रीय खेल में वॉक रेस की स्पर्धा नजर नहीं आएगी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफइंडिया (एएफआई) ने वॉक रेस स्पर्धा को बाहर करने का फैसला किया है। इस संबंध में बकायदा गेम्स टेक्नीकल कंडक्ट कमेटी को पत्र भी भेजा गया है। इससे उत्तराखंड की पदकों की उम्मीद को बड़ा झटका लगा है। जिसके बाद से राज्य एसोसिएशन और खेल विभाग इसे खेल में शामिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। उत्तराखंड में 28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेल का आगाज होना है। देहरादून में 8 से 12 फरवरी तक एथलेटिक्स के तहत 47 इवेंट की स्पर्धाएं आयोजित होनी थी। मगर इससे पहले ही एएफआई की तकनीकि कमेटी ने वॉक रेस इवेंट में देश के टॉप एथलीटों के शामिल नहीं होने का हवाला देकर वॉक रेस को राष्ट्रीय खेल में शामिल नहीं करने का फैसला लिया है। इससे उत्तराखंड की पदकों की उम्मीद को बड़ा झटका लगा है। दरअसल उत्तराखंड को एथलेटिक्स में सबसे बड़ी उम्मीद वॉक रेस इवेंट से ही है। पेरिस ओलंपिक में उत्तराखंड के वॉक रेसर सूरज पंवार ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 20 किमी वॉक रेस में सूरज से राष्ट्रीय खेल में पदक की प्रबल संभावना है। वहीं महिला वर्ग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर रही मानसी नेगी वॉक रेस में उत्तराखंड के लिए पदक जीतने की उम्मीद हैं। मगर एएफआई के इस फैसले से दोनों खिलाड़ियों के अपने घर में खेलने का सपना अधूरा रह सकता है। बता दें कि उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ ने पांच खिलाड़ियों सूरज पंवार, सचिन, पायल, मानसी और शालिनी की वॉक रेस में पहले ही एंट्री कर दी है। उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ के सचिव केजेएस कलसी ने बताया कि राज्य संघ ने एएफआई से वॉक रेस को राष्ट्रीय खेत में बरकरार रखने की मांग की है। इसके लिए पत्र भी भेजा गया है। साथ ही खेल विभाग भी इस संबंध में कोशिश कर रहा है।