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उत्तराखण्ड

हिंदू नव संवत्सर पर विशेष-

राशिफल, वर्षफल और नव वर्ष संवत्सर पर वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डां मदन मोहन पाठक ने डाला प्रकाश

अल्मोड़ा। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डाक्टर मदन मोहन पाठक ने हिंदू नव संवत्सर पर बोलते हुए बताया कि इस वर्ष  संवत्सर प्रतिपदा दिनांक 9/4/2024 को है, साथ ही उन्होंने संवत्सर पर प्रकाश डालते हुए कहा ॐ श्री गणेशाय नमः,ॐ भगवत्यै नमः।।

आइये जानते हैं जो भी मनुष्य चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन देव मंदिर या अपने घर पर वेदपाठी ब्राह्मण को बुलाकर, पंचांग, नवग्रहों और वेदपाठी ब्राह्मण का पूजन कर नव संवत्सर का फल श्रद्धा भक्ति से सुनते हैं, उन्हें समस्त तीर्थों के सेवन का लाभ प्राप्त होता है ,और मनुष्य के जीवन में सुख शांति और समृद्धि का निवास होता है, शास्त्रों के अनुसार चार युग हैं ,जो क्रमशः सत्ययुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग के नाम से जाने जाते हैं। सत्ययुग अपने नाम के अनुसार सत्य धर्म पर तत्पर रहने वाला युग था। कलियुग का कुल मान 1728000 वर्ष था।इस युग में चार अवतार हुए,जो क्रमशः मत्स्य,कमठ,वाराह और नृसिंह अवतार थे। यह युग अत्यंत सुखदाई था, लोग सदैव धर्म पर चलते थे। मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता था। मनुष्य की उम्र एक लाख वर्षों की होती थी।इस युग का तीर्थ श्री पुष्कर था। मनुष्य की लम्बाई अपने हाथ से 31 हाथ होती थी। सोने के वर्तन होते थे, नदियों में पानी प्रचुर मात्रा में रहता था। ब्रहामण वेदपाठी और वेदो के ज्ञाता होते थे,वे शाप देने में समर्थ थे। गायें दुग्ध से परिपूर्ण थी, चोरी, व्यभिचार जैसे कार्य नहीं होते थे, सभी लोग धर्मात्मा और ईश्वर पूजक होते थे, कोई भय नहीं था, किसी को भी दैहिक दैविक भौतिक ताप नहीं थे,ऐसा परम पवित्र युग था सत्ययुग।इस युग के बाद आया त्रेता युग जिसका मान 1296000 वर्षों का था ,इस युग में तीन अवतार हुए वामन, परशुराम और श्री राम इस युग में सत्य थोड़ा कम हो गया था, धर्म में भी थोड़ा कमी आ गयी थी, मनुष्य की उम्र दस हजार वर्ष की थी,और मनुष्य अपने हाथ से 14 हाथ लम्बा होता था।वर्तन चांदी के होते थे।और मुद्रा सोने की थी,इस युग का तीर्थ नैमिषारण्य था। लोग भक्ति भाव करते थे। भगवान शिव की भक्ति करते थे। इस युग के बाद द्वापर युग का आगमन हुआ इस युग का मान 864000 वर्ष था।इस युग में दो अवतार हुए श्री कृष्ण और बौद्ध इस में मनुष्य की उम्र एक हजार वर्ष थी।और लम्बाई अपने हाथ से सात हाथ थी इस युग का तीर्थ कुरूक्षेत्र था।इस युग में धर्म थोड़ा कम हो गया था।लोभ दम्भ बढ़ गया था। ब्रहामण पूर्ण वेदों का अध्ययन नहीं करते थे। ताम्र पात्र होते थे और मुद्रा चांदी की थी। नदियों का जल स्तर कम हो गया था। धरती की हरियाली कम होने लगी थी। वर्तमान युग का नाम कलियुग है,इसकी उम्र 432000 वर्ष है। इस युग में कल्कि अवतार होना बताया गया है जो संभल देश में बिष्णु शर्मा ब्राह्मण के घर होना बताया गया है।इस युग में मनुष्य की उम्र सौ वर्ष मानी जाती है। मनुष्य की लम्बाई अपने हाथ से साढ़े तीन हाथ मानी गई है। इस युग का तीर्थ मां गंगा हरिद्वार को माना जाता है। कलियुग में प्राणों की रक्षा अन्न पर आधारित रहेगी।इस युग में अधर्म का बोलबाला रहेगा।पाप अनाचार बढ़ जाएंगे, मनुष्य मनुष्य से भयभीत रहेगा। नदियों का जल स्तर बहुत कम हो जायेगा, धरती से हरियाली बहुत कम हो जाएगी, मनुष्य नाना प्रकार के रोगों से पीड़ित रहेंगे, अपने ही कर्मों के कारण नाना प्रकार के दुःख भोगेंगे।

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जो मनुष्य श्री गणेश, दुर्गा एवं मां सरस्वती एवं अपने गुरु का ध्यान कर आनन्द पूर्वक नव संवत्सर का बखान सुनते हैं उन्हें अक्षय फल की प्राप्ति होती है । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन अपने घर में ध्वजारोहण करें जिससे मां भगवती, शिव, हनुमान, राम जी के चित्र हों,इस दिन नीम, कालीमिर्च, हींग,काला नमक,जीरा, अजवायन इन सबको ठीक मात्रा में पीसकर गोली बनाकर खाने से वर्ष भर मनुष्य निरोगी रहता है।
डा पाठक ने बताया कि इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव संवत्सर दिनांक 9/4/2024 को है,इस दिन ध्वजारोहण,कलश स्थापना होगी,इस वर्ष के संवत्सर का नाम कालयुक्त है। संवत्सर का फल जथोनाम तथो गुण के अनुसार जानिए अर्थात धरती पर अशांति,नाना प्रकार के रोग, देवीय प्रकोप रहेंगे,वर्षा कम,अन्नोपादन कम रहेगा।रोग,शोक बढ़ेंगे, अग्निभय,चोरभय, भूकंप जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है, धर्म कम होगा। इस वर्ष के राजा मंगल हैं, जिसके कारण गर्मी बढ़ेगी, अग्नि भय,चोर भय बढ़ेगा।रस वाले फलों की कमी रहेगी।इस वर्ष के मंत्री शनि देव हैं शनि न्याय के देवता हैं, धर्म विमुख लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, धरती पर राजाओं का व्यवहार प्रजा के प्रति अच्छा नहीं रहेगा, प्रजा दुखी रहेंगी, अन्नोपादन कम होगा। उन्होंने बताया कि  इस वर्ष वैशाख,जेठ आषाढ़ में शुभ विवाह मुहूर्त बहुत कम हैं, हालांकि आपातकालीन मुहूर्त उपलब्ध है । डा  पाठक ने बताया कि इस बार संवत्सर प्रतिपदा मेष, सिंह धनु राशि को प्रतिकूल यानि अपैट है।और विषुवत संक्रांति कर्क, वृश्चिक,मीन राशि वालों को अपैट है। उन्होंने बताया दिनांक 13/4/2024 विषुवत संक्रांति को शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक कराएं, सफेद वस्तुओं का दान करें, सफेद वस्त्र दही,चावल दक्षिणा सहित दान करें।

12 राशियों का वर्षफल क्रमशः –
मेष राशि- वर्ष उत्तम है,इस वर्ष आपको विशेष सफलता मिलेगी, धार्मिक मांगलिक कार्य संपन्न होंगे, भूमि भवन वाहन संबंधी सुख प्राप्त होंगे, संतान वर्ग से विशेष सहयोग प्राप्त होगा, प्रेम प्रसंग में सफलता मिलेगी, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी पदोन्नति संभव है।

वृषभ राशि– यह वर्ष शुभ और मंगलमय रहेगा, भौतिक सुख संसाधनों में वृद्धि होगी, पारिवारिक जीवन में हर्ष उल्लास रहेगा, मित्रों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, व्यवसाय में विशेष सफलता मिलेगी।
मिथुन राशि-यह वर्ष मध्यम फल सूचक है, दौड़ भाग बनी रहेगी, स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, शारीरिक मानसिक कष्ट संभव हैं वाद-विवाद भय अशांति बनी रहेगी। लाभ हेतु विषुवत संक्रांति के दिन चांदी का पांव बनाकर शिव मंदिर में रूद्री पाठ करें और सफेद वस्त्र दही चावल दान करें।
कर्क राशि– आपका वर्ष मध्यम है शारीरिक मानसिक कष्ट बढ़ सकतें हैं, पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है, विरोधी सक्रिय रहेंगे, कार्य क्षेत्र आजीविका में मध्यम लाभ रहेगा वाम पाद दोष परिहार करवा लें।
सिंह राशि– वर्ष भर दौड़ भाग बनी रहेगी, परिश्रम अधिक रहेगा, आर्थिक दृष्टि से सामान्य फलकारक रहेगा, यात्रा अधिक रहेगी, देवी माता की पूजा अर्चना करें और रूद्राभिषेक करवा लें।
कन्या राशि यह वर्ष अनावश्यक व्यय,धन हानि रहेगी, खर्चा अधिक बढ़ सकता है, विरोधी सक्रिय रहेंगे, स्वास्थ्य मध्यम रहेगा लाभ हेतु शिवार्चन, रूद्राभिषेक करवाना ठीक रहेगा।
तुला राशि नव वर्ष मंगलमय रहेगा, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा, व्यवसाय में विशेष सफलता मिलेगी, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, पदोन्नति संभव है, सामाजिक कार्यों में सफलता मिलेगी धार्मिक मांगलिक कार्य संपन्न होंगे।
वृश्चिक राशि -आपका नव वर्ष शुभ और मंगलमय रहेगा, आर्थिक संस्थानों में विशेष सफलता मिलेगी, धार्मिक मांगलिक कार्य संपन्न होंगे, भूमि भवन वाहन संबंधी सुख प्राप्त होंगे
धनु राशि – शिक्षा में विशेष सफलता मिलेगी, आर्थिक दृष्टि से वर्ष अच्छा रहेगा, मित्रों का सहयोग मिलेगा, भौतिक सुख संसाधनों में वृद्धि होगी, सामाजिक यश प्रतिष्ठा बढ़ेगी
मकर राशि -आपका नव वर्ष शुभ है इस वर्ष कार्य क्षेत्र आजीविका में विशेष सफलता मिलेगी, धार्मिक मांगलिक कार्य संपन्न होंगे, संतान वर्ग से हर्ष उल्लास रहेगा, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
कुंभ राशि -आपका नव वर्ष मंगलमय है, पारिवारिक जीवन में हर्ष उल्लास रहेगा, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा, व्यवसाय में विशेष सफलता मिलेगी, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी पदोन्नति संभव है।
मीन राशि भूमि भवन वाहन संबंधी सुख प्राप्त होंगे, व्यापार में विशेष सफलता मिलेगी, धार्मिक स्थल दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा चल अचल संपत्ति जुड़ सकती है, कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
डाक्टर पाठक ने बताया कि देश में राजनीतिक दृष्टि से सत्ता में कोई परिवर्तन नहीं होगा, विदेशों के साथ सम्बन्ध अच्छे रहेंगे, हालांकि कभी-कभी सीमाओं पर युद्ध की जैसी स्थिति बनी रहेगी।देश आर्थिक दृष्टि से मजबूत होगा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश अपना परचम लहराने में कामयाब रहेगा।
इस वर्ष जो लोग धर्म के मार्ग पर चलेंगे, ईश्वर पर, श्रद्धा भक्ति रखेंगे , श्री गणेश, दुर्गा, एवं भगवान शिव की आराधना करेंगे, उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होगा। डाक्टर पाठक ने बताया कि आद्रा नक्षत्र, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र वालों को वामपाद दोष है, अतः 13/4/2024 को शिव मंदिर में रूद्राभिषेक करवा लें और चांदी का पांव बनाकर सफेद वस्त्र दही चावल दक्षिणा सहित दान करें।इस वर्ष चार ग्रहण हैं दो चंद्र ग्रहण दो सूर्य ग्रहण हैं जिनमें कोई भी भारत में दृश्य नहीं है। डाक्टर पाठक ने सभी सनातनी हिन्दू धर्म को मानने वालों को हिन्दू नवसंवत्सर पर हार्दिक शुभकामनाएं दी है,और सभी के जीवन में सुख शांति समृद्धि की कामना की है।

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वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डाक्टर मदन मोहन पाठक मोबाइल नंबर 9411703908

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