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आध्यात्मिक

महाशिवरात्रि पर विशेष

130 साल बाद बन रहा विशेष संयोग

– महाशिवरात्रि के मौके पर भक्त भगवान शंकर को खुश करने के लिए जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं। देशभर के सभी शिवालयों में विशेष तैयारियां की गयी हैं. पंडितों का कहना है कि इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। 130 सालों बाद यह योग बन रहा है जिसमें सर्वाध सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग मिल रहा है। ऐसे में शिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा करने का विशेष महत्व है।

– इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु 80 दाना खड़ा चावल और 80 समी का पत्र भगवान शंकर को जरूर चढ़ाएं।

पंडित गिरीश जोशी

👉फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनायी जाती है। गुरुवार 11 मार्च 2021(कल) को महाशिवरात्रि का दिन है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है,
रुद्राभिषेक। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है।

👉धन संपत्ति में बढ़ोत्तरी के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शहद और घी से भी अभिषेक करना शुभ फलदायी होता है। दूध से अभिषेक करने से आर्थिक परेशानियों से मु्क्ति मिलती है। पंचामृत दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से रुद्राभिषेक करने से धन लाभ होता है।

👉भगवान शिव का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र, ओम नम: शिवाय या फिर रुद्रामंत्र का जप करते रहें।

👉कुंडली में चंद्र पीड़ित हो, शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो रुद्राभिषेक करना चाहिए।

👉अपनी राशि अनुसार अभिषेक करने से भी लाभ मिलता है….

  1. मेष- शहद और गन्ने का रस
  2. वृषभ- दुग्ध, दही
  3. मिथुन- दूर्वा से
  4. कर्क- दुग्ध, शहद
  5. सिंह- शहद, गन्ने के रस से
  6. कन्या- दूर्वा एवं दही
  7. तुला- दुग्ध, दही
  8. वृश्चिक- गन्ने का रस, शहद, दुग्ध
  9. धनु- दुग्ध, शहद, नागकेसर, केसर
  10. मकर- गंगा जल में गुड़ डालकर मीठे रस से
  11. कुंभ- दही से
  12. मीन- दुग्ध, शहद, गन्ने का रस, केसर
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