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उत्तराखण्ड

ज्ञानप्रकाश संस्कृत पुस्तकालय में न्यू सेरा निवासी युवा कवि और साहित्यकार नीरज चंद्र जोशी की लिखी तीसरी पुस्तक “काव्य निहारिका” का विमोचन किया

आज ज्ञानप्रकाश संस्कृत पुस्तकालय में न्यू सेरा निवासी युवा कवि और साहित्यकार नीरज चंद्र जोशी की लिखी तीसरी पुस्तक “काव्य निहारिका” का विमोचन किया गया। नीरज चंद्र जोशी की इससे पूर्व “साइबर जागरूकता एवं सुरक्षा” तथा “काव्य पारिजात” पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। प्रसिद्ध लेखक व शिक्षाविद डाॅ० पीतांबर अवस्थी ने बताया कि काव्य निहारिका पुस्तक नीरज की 50 उत्कृष्ट कविताओं का संग्रह है। डाॅ० प्रमोद कुमार श्रोत्रिय ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि कवि नीरज चंद्र जोशी की कविताएं सामाजिक सरोकारों, विषमताओं और मानवीय मूल्यों से जुड़ी हुई हैं तथा अंधविश्वासों, जाति व्यवस्था एवं सामाजिक कुरीतियों पर गहरा आघात करती हैं। डाॅ० आनंदी जोशी ने कहा कि डाॅ० पीतांबर अवस्थी द्वारा दशकों से लगातार साहित्यकारों व कवियों को प्रश्रय देने व उनका उत्साहवर्धन करने से सोर में साहित्य लेखन के क्षेत्र में नई नई प्रतिभाएं जन्म ले रही हैं। तत्पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में डाॅ० आनंदी जोशी, मंजुला अवस्थी, आशा सौन, लक्ष्मी आर्या, अनु अनीता जोशी, हेमा आदि उपस्थित थे। जनार्दन उप्रेती, दुर्गा दत्त जोशी, गीता जोशी, भावना जोशी, मीना भट्ट, बिपिन जोशी, बीना पाटनी, मोहन जोशी, बसंत भट्ट एवं पिथौरागढ़ के साहित्यकारों व कवियों ने नीरज चंद्र जोशी को उनकी पुस्तक काव्य निहारिका के लोकार्पण पर बधाई दी है।

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