कुमाऊँ
अतिक्रमणकारियों पर चलेगा बुलडोजर,नहीं बनने दिया जाएगा जंगलों को शरणार्थी कैंप,तैयारी में लगा वन विभाग
हल्द्वानी। यहां रेलवे भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा जमाए हुए अतिक्रमणकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।आजकल हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण का मामला खासा सुर्खियों में आया है। दरअसल हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर कब्जा कर रह रहे हजारों लोगों को हटाया जाएगा और इन लोगों को वन विभाग जंगल का शरणार्थी भी नहीं बनने देगा। अभी तक केवल रेलवे प्रशासन अतिक्रमणकारियों और न्यायालय के बीच यह मामला चल रहा था मगर अब वन विभाग इस मामले में बीच में आ चुका है। दरअसल वन विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि वे रेलवे भूमि से हटने के बाद अतिक्रमणकारी नजदीकी वन भूमि को घेर सकते हैं और इस स्थिति में वे जंगल शरणार्थी बन सकते हैं। इस स्थिति में कहीं जंगल शरणार्थी अपना कैंप न बना लें इसलिए तराई पूर्वी डिवीजन की गोला रेंज की टीम तीन अलग-अलग शिफ्ट में गश्त करने में जुटी हुई है।
वन विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस को भी पत्र भेजकर मदद मांगी है। उन्होंने कहा है कि इमरजेंसी के समय अतिरिक्त फोर्स के तौर पर पुलिस और जिला प्रशासन वन विभाग को सहयोग दें। आपको बताते चलें कि हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण की शुरुआत 1975 से हुई। झुग्गियों के जरिए शुरुआत हुई और अब यह पक्के मकानों में तब्दील हो चुकी हैं।आवासीय भवनों के अलावा सरकारी भवन भी अतिक्रमण की जद में आ रहे हैं। करीब 29 एकड़ जमीन पर 4365 लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। लोगों ने कहा है कि रेलवे की इतनी जमीन है ही नहीं। तो वही गोला रोखड़ का जंगल रेलवे की अतिक्रमण भूमि से कुछ ही मीटर दूरी पर है और यह तराई पूर्वी डिवीजन का आरक्षित वन है। अफसरों को यह आशंका है कि अगर रेलवे की भूमि पर बसे लोगों को वहां से निकाल दिया जाता है तो वह जंगल में अपना स्थाई डेरा जमा सकते हैं और उसके बाद वहीं पर बस सकते हैं। यही वजह है कि वन विभाग के कर्मचारी लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। जंगल क्षेत्र में किसी भी हालत में अतिक्रमण नहीं करने दिया जाएगा।
इस बाबत प्रशासन एवं पुलिस को भी पत्र भेजा गया था कि आपातकालीन स्थिति में वन विभाग को मदद मिल सके। इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों के आदेश पर गोला रेंज में 8 घंटे की 3 शिफ्ट में कर्मचारी निगरानी रख रहे हैं। वन दारोगा, वन आरक्षी, चालक मिलाकर 10 लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है और डिप्टी रेंजर प्रमोद बिष्ट को इस गश्त का इंचार्ज बनाया गया है। अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी संख्या में सुरक्षा बलों की जरूरत पड़ेगी और बाहर से आने वाली फोर्स को ठहराने की व्यवस्था जिला प्रशासन ही करेगा। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अलावा मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी भी हल्द्वानी में अलर्ट रहेंगे ताकि अतिक्रमणकारी वन क्षेत्र की भूमि पर कब्जा न कर सकें।





























