उत्तराखण्ड
नवजात शिुश का भ्रूण सड़क किनारे फेंकने के आरोपी को सुनाई दो साल की सजा
चम्पावत। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण बोहरा की अदालत ने नवजात शिशु का भ्रूण सड़क किनारे फेंकने के आरोपी पिता को दो साल की सजा सुनाई है। मामला करीब पांच साल पुराना है।
निकटवर्ती ग्राम पंचायत कुलेठी की तत्कालीन प्रधान शांति जोशी ने तीन अप्रैल 2018 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके गांव में किसी दंपति ने 31 मार्च 2018 को सड़क किनारे नवजात शिुश का भ्रूण फेंका है। कहा गया था कि नवजात भ्रूण वाले व्यक्ति का पता लगाकर आवश्यक कार्यवाही की जाए। पुलिस ने धारा 318 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि नवजात शिशु का भ्रूण त्रिलोक राम निवासी लेटी पंचेश्वर (लोहाघाट) ने फेंका था। इस पर 11 सितंबर 2018 को पुलिस ने धारा 41क के तहत अभियुक्त को नोटिस तामील कराया। विवेचक ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। कोर्ट ने 1 नवंबर 2018 को न्यायालय समन किया।
अधिवक्ता गुणानंद थ्वाल ने बताया कि त्रिलोक राम की पत्नी ने 30 मार्च 2018 को चम्पावत के एक निजी अस्पताल में मृत बच्ची को जन्म दिया था। उसके बाद दोनों पति-पत्नी मृत बच्ची को लेकर अस्पताल से घर चले गए। त्रिलोक राम ने मृत बच्ची का संस्कार करने की जगह उसके शव को चम्पावत के तिलौन के पास हाईवे किनारे डाल दिया। स्थानीय लोगों ने जब सड़क किनारे बच्ची की लाश देखी तो उसके परिवार वालों की तलाश की गई। जांच के बाद पुलिस ने त्रिलोक राम का डीएनए टेस्ट करवाया। डीएनए रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाया था त्रिलोक राम ही मृत बच्ची का पिता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने बच्ची के पिता त्रिलोक राम को धारा 318 के तहत मृत बालिका की पहचान छुपाने तथा शव को सड़क किनारे फेंकने का दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई है।