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सरकारी योजनाएँ

लालकुआं वासियों को फॉरेस्ट जमीन पर मालिकाना हक, बिन्दुखत्ता के साथ सौतेला व्यवहार

लालकुआ। वर्ष 2020 में जारी शासनादेश में लालकुआं वासियों को फॉरेस्ट जमीन में मालिकाना हक दिए जाने का जिक्र है, जबकि लालकुआं के समीप बिन्दुखत्ता के लोगों के लिये ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जिससे स्थानीय लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है बिन्दुखत्ता के लोग वर्षों से मालिकाना हक के लिये संघर्ष करते आ रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार का एक शासनादेश जिसमें लालकुआं क्षेत्र के लोगों को फॉरेस्ट भूमि में मालिकाना हक दिए जाने की बात की गई है। वही दूसरी तरफ बिन्दुखत्ता के लोगों के लिए ऐसा कुछ भी प्रावधान नहीं रखा गया। विदित हो कि नवंबर 2020 को जारी एक आदेश के अनुसार लाल कुआं में 26 हेक्टेयर वन भूमि तथा इतनी ही अन्य भूमि को स्थानीय लोगों के नाम मालिकाना हक करने की बात की गई है।

जानकारी के अनुसार यह शासनादेश नवंबर 2020 को आया था जिसमें लालकुआं के लोगों को मालिकाना हक की सौगात दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की जानी है। वही बिंदुखट्टा के लिए इस तरह के किसी भी आदेश की बात शासनादेश में नहीं की गई है। जिससे स्थानीय लोग इस सौतेले व्यवहार पर नाराज दिखाई दे रहे हैं।

यह बात लोगों से जानकारी लेने पर सामने आई है कि बिंदुखट्टा आज से 60 साल पहले आरक्षित वन क्षेत्र में बसा हुआ बहुत बड़ा गांव है। जबकि लाल कुआं की बसावट 1978 की बताई जा रही है। शासनादेश के अनुसार अब जल्दी ही लालकुआं के लोगों को मालिकाना हक दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बिन्दुखत्ता के लोगों का कहना है कि सरकार उनके लिये भी इसी प्रकिया के तहत फैसला ले, और उन्हें भी फॉरेस्ट जमीन पर मालिकाना हक दिया जाय।

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