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उत्तराखण्ड

पुलिस अधिकारियों ने सम्मेलन में लिए महत्वपूर्ण फैसले, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में हुआ बड़ा बदलाव

देहरादून। यहां पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पुलिस कर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के पाठ्क्रम में बदलाव कर कुछ नई चीजें जोड़ी जाएंगी। जनता की शिकायतों के समाधान के लिए जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया। डायल 112 की इमरजेंसी कॉल पर रिस्पांस टाइम में सुधार किया जाएगा।
ये हैं महत्वपूर्ण फैसले
1.प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम को रि-मॉड्यूल करने का निर्णय लिया गया। महिलाओं एवं बच्चों से सम्बन्धित स्पेशल अधिनियम, साइबर क्राइम, वीआईपी सुरक्षा, यातायात, सोशल मीडिया सम्बन्धित जानकारी को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल से सम्बन्धित विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
2.कारागार, अभियोजन एवं पुलिस के बीच बेहतर समन्वय हेतु कारागार, अभियोजन एवं जनपद प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्तर पर मासिक गोष्ठी आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
3.जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण करने के सर्वाेच्च प्राथमिकता पर रखने हेतु जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया।
4.डायल 112 की इमरजेंसी कॉल पर समस्त जनपदों का रिस्पांस टाइम में सुधार किया जाएगा।
5.जनता के साथ सीधे पदजमतंबज करने वाली इकाईयों- ट्रैफिक, महिला हेल्प डेस्क, चीता पुलिस की दक्षता बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ।
6.आवारा पशुओं के खिलाफ जनपद पौड़ी गढ़वाल के ऑपरेशन कामधेनु, ऊधमसिंहनगर द्वारा मन्दिर-मस्जिदों के पास एवं गांवों के प्रवेश स्थलों पर सीसीटीवी लगाने, अल्मोड़ा द्वारा प्रदेश की लोक कला ऐंपण को बढ़ावा देने एवं बच्चों के लिए कम्प्यूटर क्लास संचालित करने आदि बेस्ट प्रैक्टिस को सराहा गया और अन्य जनपदों को भी इन्हें अपनाने हेतु निर्देशित किया।
7.पुलिस कर्मियों में तनाव कम करने एवं उनके मानसिक स्वास्थ्य हेतु समस्ता जनपद प्रभारियों को योग एवं मेडिटेशन के कैम्प आयोजित करने हेतु निर्देशित किया।

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