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उत्तराखण्ड

पुल बहने से 200 गांवों की आवाजाही हुई बन्द

उत्तराखण्ड में पिथौरागढ़ की दारमा वैली में तेज बरसात के बाद उफान पर आए बरसाती नालों को मजबूरी के समय पार करने के लिए ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालनी पैड रही है। लैंडस्लाइड के बाद, दलदल वाली जमीन को पार करने का एक फोटो आपको झकझोर के रख देगा।

पिथौरागढ़ जिले में धारचूला की दारमा घाटी स्थित चल गांव में भूस्खलन के कारण मार्ग बह गए। मार्ग में बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से पखडण्डी भी दलदल से भर गई। इस भुजखलं से चल गांव के लगभग 200 लोगों की आवाजाही बंद हो गई।

भुस्खलन से पैदल मार्ग, नाले पर बना पुल और ट्रॉली भी ध्वस्त हो गई। ग्रामीणों को हर जरूरी काम के लिए अपनी जान हथेली में लेकर इस नाले को पार करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मुश्किलों का वीडियो वहां मौजूद किसी ग्रामीण ने बना दिया जो अब जोरों से वायरल हो रहा है। उत्तराखंड में मानसून आने के बाद से आसमानी आफत बरस रही है। प्रदेश भर में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे भूस्खलन से भारी दिक्कत हो रही है। पिथौरागढ़ की दारमा घाटी के चल गांव में भूस्खलन और भारी मलबा आने की सूचना आ रही है। जानकारी के अनुसार चल गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। जिससे सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और बड़े-बड़े पत्थर आ गए हैं रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। यहां तक की पैदल पुल और ट्रॉली भी इस मलबे की चपेट में आकर ध्वस्त हो गई है। एसडीआरएफ की टीम और पुलिस प्रशासन बचाव कार्य के लिए गया तो है लेकिन वह भी मार्ग बंद होने के कारण ये टीमें भी फंस गई है। जिसकी वजह से लोगों को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

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हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि दारमा घाटी में बादल फटा है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि भूस्खलन के कारण मलबा आया है। राहत कार्य में देरी होते देख लो खुद ही उफान पर आए नाले को पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

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