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उत्तराखण्ड

समान नागरिक संहिता में प्रावधान के लिए नैनीताल के लोगों ने समिति के समक्ष रखी अपनी राय

नैनीताल। प्रदेश में समान नागरिक संहिता के लिए उत्तराखंड शासन द्वारा गठित समान नागरिक सहिंता की विशेषज्ञ समिति ने मुख्यालय में विभिन्न वर्गों के सोमवार एवं मंगलवार को लोगों के सुझाव लिए।

इस दौरान उपस्थित लोगों ने शादी की उम्र 18 से 21 या अधिक रखने, संपत्ति में बेटा-बेटी के साथ ही तीसरा हिस्सा माता-पिता के लिए भी रखने का प्राविधान करने, महिला-पुरुष के संबंधों से पैदा होने वाले बच्चों की देखरेख का भी प्राविधान करने तथा बच्चे को गोद लेने, शादी का पंजीकरण, तलाक, बाल विवाह आदि पर अपने विचार और सुझाव दिए।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड शासन द्वारा गठित समान नागरिक सहिंता की विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य अतिथि गृह नैनीताल में समिति के सदस्यों द्वारा समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु इसाई समुदाय के लोगों व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट हेतु वार्ता, चर्चा एवं विचार विमर्श लेने हेतु बैठक आयोजित हुई।

सुश्री देसाई ने कहा कि समिति राज्य के सभी समुदाय के लोगों के साथ विचार एवं सुझाव लिए जा रहे है। समिति उन पर गम्भीरता से अध्ययन कर उत्तराखंड शासन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी ताकि समान नागरिकता संहिता के अधिनियम में उन्हें सम्मिलित कर एक सशक्त अधिनियम बन सके। बताया कि अभी तक नैनीताल जनपद में सवा दो लाख सुझाव और विचार प्राप्त हो चुके हैं।

बैठक में सेवानिवृत्त न्यायधीश प्रमोद कोहली, सामजिक कार्यकर्ता मनु गौर, सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह, एडीएम अशोक जोशी व शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार नवाजिश खलिक, ईओ पूजा के साथ ही ईसाई समुदाय के फादर नवीन, जीके ननवाल, विलसन व बार एसोसिएशन के गोपाल वर्मा, ममता बिष्ट, अमन चड्डा व नीरज शाह आदि लोग उपस्थित रहे।

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