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उत्तराखण्ड

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान आया सामने

देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष करन माहरा का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्‍होंने नाम न लेते हुए अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा है। कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ ऐसे लोग घुस आए हैं जो काम भाजपा के लिए करते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की आवश्‍यकता है। कांग्रेस ने प्रदेश के बीते कुछ घटनाक्रमों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निशाने पर लिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी जिस तरह वक्तव्य दे रहे हैं, उससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता पर संदेह हो रहा है। उन्होंने वनंतरा रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या मामले में पुलिस पर सुबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का त्यागपत्र मांगा।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में करन माहरा ने आरोप लगाया कि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर सरकार का रवैया शंका उत्पन्न करता है। एसएलपी वापस लेने के मामले में मुख्यमंत्री धामी अधिकारियों पर उन्हें अंधेरे में रखने की बात कह रहे हैं। विरोध होने पर एसएलपी वापस लेने का निर्णय निरस्त किया जाता है।

अब इस मामले में पक्षकार उमेश कुमार के अधिवक्ता की ओर से समझौता करने की जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री को इस प्रकरण में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। साथ में उन्हें अंधेरे में रखने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई, यह भी बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में फाइलों के निस्तारण पर प्रश्न उठे। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकार के कामकाज पर जिस तरह प्रश्न दागे, उससे प्रदेश में लालफीताशाही की बात पुष्ट हुई है।

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माहरा ने कहा कि वनंतरा रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या मामले के साथ ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घोटाले में सफेदपोशों का जिक्र हुआ है। सरकार सफेदपोशों को बचाना चाहती है। वनंतरा रिसार्ट प्रकरण में सुबूतों को मिटाने के प्रयास बार-बार सामने आए हैं। इसके लिए पुलिस महानिदेशक से त्यागपत्र लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्तियों में अनियमितता प्रकरण में कांग्रेस राज्य गठन के बाद से अभी तक हुई भर्तियों की जांच की मांग कर रही है।

इस मामले में दोषी वे नेता हैं, जिनके स्वजन को भर्ती किया गया है। पार्टी आधा-अधूरा न्याय नहीं चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से संबंधित रहे एक अधिकारी के पुत्र को भी नौकरी पर लगाया गया है।

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