उत्तराखण्ड
टूल किट गैंग सनातन संस्कृति पर प्रहार कर रहा-बीकेटीसी
बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे स्वर्ण को पीतल बताने को सनातन संस्कृति पर हमला बताया है। समिति ने आरोप लगाया कि टूल किट गैंग सनातन संस्कृति पर प्रहार कर रहा है। उधर, शंकराचार्य परिषद ने सीएम को ज्ञापन भेजकर पीतल बताने वाले तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी पर कार्रवाई की मांग की है।
बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा, केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे स्वर्ण को पीतल बताना सनातन संस्कृति पर हमला है। बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, राजपाल जड़धारी, भास्कर डिमरी, डॉ. वीरेंद्र असवाल, महेंद्र शर्मा, पुष्कर जोशी, नंदा देवी, रणजीत सिंह राणा, जयप्रकाश उनियाल, कृपाराम सेमवाल ने भी इसे टूल किट गैंग का दुष्प्रचार अभियान बताया है।
कहा, धर्मविरोधी मानसिकता के लोग पहले भी हिंदुओं के पवित्र धर्मस्थलों को निशाना बनाते रहे है। कहा, दानदाता ने निस्वार्थ भाव से केदारनाथ मंदिर को स्वर्णदान किया और गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया। यह पूरा कार्य एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया गया। दानदाता ने अपने स्तर से अपने ज्वैलर्स के माध्यम से यह पूरा कार्य संपन्न कराया।
दानी दाताओं को भी ठेस पहुंची
कहा, बीकेटीसी बोर्ड बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद दानदाता को अनुमति प्रदान की गई थी। कुछ लोग एक षड्यंत्र के तहत प्रचारित कर रहे कि केदारनाथ गर्भगृह में 230 किग्रा सोना लगाया गया था। यह तथ्य बिलकुल भ्रामक है। बताया, सोना लगने से पूर्व गर्भगृह में चांदी की प्लेट लगी हुई थीं, जिनका वजन करीब 230 किग्रा था।
गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने में करीब 23 किलो सोना और लगभग एक हजार किलो तांबे का इस्तेमाल किया गया। कहा, स्वर्ण मंडित करने की प्रक्रिया के दौरान तांबे की प्लेट के ऊपर से ही सोने का वर्क चढ़ाया जाता है। कहा, केदारनाथ धाम के गर्भगृह के बारे में गलत खबर प्रसारित करने से देश-विदेश के श्रद्धालुओं के साथ ही बदरीनाथ व केदारनाथ धाम से जुड़े दानी दाताओं को भी ठेस पहुंची है।
शंकराचार्य परिषद ने की कार्रवाई की मांग
काली सेना के प्रमुख और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने केदारनाथ धाम के बारे में भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सीएम को ज्ञापन भेजकर कहा, भगवान केदारनाथ जगत के सभी हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं। किसी भी तीर्थ पुरोहित की जीविका बाबा के आशीर्वाद से ही चलती है। इसके बावजूद तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने, धाम की छवि धूमिल करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए सोशल मीडिया व मीडिया में यह बयान दिया है। उन्होंने कार्रवाई की मांग की।