उत्तराखण्ड
पर्यटन नगरी की मुख्य बाजार बनी आवारा पशुओं का तबेला।
रिपोर्ट – बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद ने मुख्य सदर बाजार सहित गली मुहल्लों में राहगीरों एवं वाहनों की सुविधा के साथ गुजरना मुश्किल कर दिया है।
बता दे कि रानीखेत में आवारा पशुओं पर अंकुश लगा पाने में छावनी परिषद नाकाम रहा है। जहा दो बार छावनी परिषद ने आवारा पशुओं को नगर की सीमा से बाहर खदेड़ कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था वही शाम होते-होते ये पशु फिर से नगर में लौट आए। अब तो ऐसा आलम है कि दिन मे भी बेधड़क मुख्य सड़कों को तबेला बनाकर बैठे रहते हैं।
जिस कारण राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानियां हो रही हैं। यह दृश्य रविवार शाम का है जहां सब्जी मंडी के पास बेलगाम पशु सड़क पर डेरा डाले हुए हैं। नागरिक को कई बार इन पशुओं को गौ सदनों में भेजने की मांग हो चुकी हैं। देखना यह है कि अब शासन-प्रशासन की तरफ से क्या निर्णय लिया जाता है।