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उत्तराखण्ड

एक माह के अंदर राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का लाभ न लिए जाने का विकल्प दें पैंशनर्स – तुला सिंह तड़ियाल

देहरादून। उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि, उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 25 अगस्त को एक इश्तिहार जारी कर पैंशनर्स से एक माह के अंदर राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का लाभ न लिए जाने का विकल्प देने को कहा है। उन्होंने अपने इश्तिहार में यह भी उल्लेख किया है कि, जो पैंशनर्स ‘न ‘ में विकल्प नही देंगे उन्हें योजना में सम्मिलित मानते हुए उनकी पैंशन से अंशदान की एकमुश्त कटौती 01 जनवरी 2022 से की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष तड़ियाल ने कहा कि, प्राधिकरण का यह इश्तिहार उच्च न्यायालय के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा 15 दिसंबर 2021को एक जनहित याचिका में तथा 21 दिसंबर 2021 को एक अन्य याचिका में पैंशन से जबरन कटौती को उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक माना है, न्यायालय द्वारा अपने दोनों आदेशों मेंं पैंशन से हो रही कटौती पर स्थगन आदेश पारित किया है, साथ ही 31 दिसंबर 2020 के शासनादेश पर भी रोक लगा दी है जिसके द्वारा पैंशन से कटौती की जा रही थी। ऐसे में जब तक न्यायालय का कोई निर्णय नहीं आ जाता प्राधिकरण को कटौती करने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष तड़ियाल ने कहा कि, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पैंशनर्स से जिस विकल्प पत्र को देने के लिए कहा गया है उसमें विकल्प जैसी कोई चीज है ही नहीं । वह केवल पैंशनर्स को जबरन राज्य स्वास्थ्य योजना में सम्मिलित कराने का पत्र है। उन्होंने आगे कहा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दिसंबर 2021से पैंशन से कटौती बन्द है, जिसके कारण प्राधिकरण का तवा ठंडा है भारी भरकम स्टाफ को वेतन के लाले पड़े हुए हैं 4 करोड़ से भी अधिक रुपए का इंतज़ाम प्राधिकरण के कार्यालय के किराए के लिए करना मुश्किल हो रहा है। मौजूदा इश्तिहार इसी बौखलाहट का प्रतीक है। उन्होंने कहा लाखों रुपए इन इश्तिहारो पर खर्च किए जा चुके हैं जब 25 अगस्त को जारी इश्तिहार में एक महीने का समय दिया गया था, तब फिर 20 सितंबर को पुनः इश्तिहार निकालने की क्या जरूरत पड़ गई थी। पैंशनर्स को धोखे से योजना में सम्मिलित कराने के सारे प्रयत्न किए जा चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, प्राधिकरण के अस्तित्व में आने से पूर्व कोई होमवर्क नहीं किया गया। अभी तक एक दर्जन से भी अधिक बार शासनादेशों में संशोधन हो चुके हैं। 06 दिसंबर 2018 के शासनादेश में सेवानिवृत्त मुख्य सचिव डी के कोटिया को अगले पांच सालों के लिए प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

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जब स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर पैशनर्स परिषद के पदाधिकारी कोटिया जी से मिलने गए तो उन्होंने प्राधिकरण का अध्यक्ष होने से इंकार कर दिया बाद में उन्होंने अनौपचारिक बातचीत जरुर की इस प्रकार यह योजना राम भरोसे चल रही है। राज्य के भ्रष्ट नौकरशाहों को इस योजना की बागडोर सौंपी गई है। वे पैंशनर्स से उगाही धनराशि को मनमाने ढंग से खर्च कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि प्राधिकरण की पहली वर्षगांठ पर 60 लाख रुपए खर्च किए गए लगभग 3 करोड़ रुपए प्रचार प्रसार पर फूंक दिए कटौती बन्द होने से इनके हाथ बध चुके हैं।

प्रदेश अध्यक्ष तड़ियाल ने आरोप लगाया है, कि पैंशनर्स को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर प्राधिकरण ब्लैक होल शाबित हो रहा है।

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