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प्रदेश में इन सड़कों को किया जाएगा टू लेन, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर प्रेस वार्ता कर केन्द्र सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 100 दिन पूरे होने पर सामाजिक ढांचे पूर्ण करने के लिए 100 दिनों मे 15 लाख करोड़ के निवेश पूर्ण कर लिए है
अजय टम्टा ने बकाया कि अल्मोड़ा-बागेश्वर रोड में लगभग 4.50 करोड़ के पहले पैकेज का काम शुरू किया है। साथ ही काठगोदाम से नैनीताल को टू लेन करने जा रहा है। ज्योलिकोट से भवाली कैंची बाईपास होते हुए अल्मोड़ा से रानीखेत पाडूखोला होते हुए कर्णप्रयाग तक तथा अल्मोड़ा से पनार तक टू लेन किया जाएगा। वहीं धारचूला से गुंजी तक टू लेन लगभग उत्तराखण्ड की सभी एनएच की रोड का टू लेन किया जाना है।

लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन होंगे आसान
केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 9 के 58 किलोमीटर में एक लेन और इंटरमीडिएट लेन से दो लेन चौड़ीकरण का कार्य 384.00 करोड़ रूपए की लागत से शुरू कर दिया गया है। जिससे लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन सुगम हो जाएंगे। इसके साथ ही चीन बॉर्डर की सीमावर्ती कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा वहां सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढावा मिलेगा और इससे रोजगार में भी वृद्धि होगी। कार्य के निर्माण की अवधि दो साल रखी गई है।

इन सड़कों का भी किया जाएगा चौड़ीकरण
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत केदारनाथ और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) से हरी झंडी मिल गई है। इससे यमुनोत्री में 25.08 किलोमीटर में 2-लेन चौड़ीकरण का कार्य कराया जा सकेगा तथा केदारनाथ में शेष 13 किलोमीटर को दो लेन में चौड़ा किया जाएगा।

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चारधाम परियोजना के अन्तर्गत चंपावत बाईपास दो लेन पेव्ड शोल्डर सहिल 9.85 किलोमीटर लम्बाई में 307.00 करोड़ रूपए लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित ओवरसाइट समिति द्वारा इस कार्य की स्वीकृति मिली है। इससे चंपावत शहर में यातायात भीड़भाड़ से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसबर 2024 रखा गया है।

अब चारधाम यात्रियों को मिलेगी ट्रैफिक जाम से राहत
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत ऋषिकेश बाईपास चार लेन 10.88 किलोमीटर लम्बाई में 1414 करोड़ रूपए लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ओवरसाइट समिति द्वारा स्वीकृति मिली है। इससे ऋषिकेश शहर और चारधाम यात्रियों को यातायात भीड़भाड़ से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसंबर 2004 रखा गया है। चारधाम मार्ग पर हो रहे भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार कार्य किए जाएंगे। कार्य पूर्ण करने की अवधि 12 माह से 18 माह रखी गई है।

प्रदेश में 8 प्रमुख हाई-स्पीड कॉरिडोर और रिंग रोड परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनमें आगरा-ग्वालियर, खरगपुर-मोरेग्राम, धराड़ मेहसाणा-अहमदाबाद, अयोध्या रिंग रोड, पाथलगांव-गुमला, कानपुर रिग रोड, गुवाहाटी रिंग रोड और नासिक फाटा-खेड एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। इन परियोजनाओं से देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा समय में 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की कमी आएगी।

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