उत्तराखण्ड
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत होगा जमरानी बांध परियोजना का निर्माण
हल्द्वानी। वर्षों से लंबित चले आ रहे जमरानी बांध परियोजना निर्माण की आस जगने लगी है। इस बहुउद्देश्यीय परियोजना के निर्माण का सपना कब पूरा होगा यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार गंभीर दिखाई देने लगे हैं। जमरानी बांध परियोजना निर्माण के निवेश को अब केंद्र सरकार से मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले वर्ष 2019 में इस परियोजना की लागत 2954.45 करोड़ की डीपीआर तैयार कर की गई, जिसे घटाकर 2584.10 की डीपीआर पर स्वीकृति दी गई। इस परियोजना के निर्माण को कृषि सिंचाई योजना के तहत किया जाएगा। जिस पर केंद्र सरकार 90% धनराशि खर्च करेगी और राज्य सरकार को 10% का अंशदान देना होगा।
उल्लेखनीय है कि 1975 में जमरानी बांध को स्वीकृति मिलने के बाद प्रारंभ में इसका प्रस्ताव केंद्रीय जलायोग के पास भेजा गया, उसके बाद से अलग-अलग बिंदुओं को लेकर इस परियोजना पर कई आपत्तियां लगती रही। वर्ष 2011 से वर्ष 2018 तक कभी बांध स्थल की मिट्टी की गुणवत्ता तो कभी हाइड्रोलॉजी, विद्युत परियोजना और गेट के डिजाइन को लेकर तमाम अड़चन आती रही। यही नहीं फॉरेस्ट क्लीयरेंस जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। बीते सालों केंद्रीय विद्युत यांत्रिक अथॉरिटी ने 29.4 8 करोड़ के प्रस्ताव पर सहमति दी, लंबे समय से तराई भाबर की पेयजल एवं कृषि सिंचाई हेतु जमरानी बांध परियोजना मंजूरी को आवश्यक मानते हुए सभी ने इस पर आवाज उठाई। दशकों बीतने के बाद भी जमरानी बांध तो नहीं बन सका, लेकिन जमरानी बांध के मुद्दे ने कई विधायक, सांसद जरूर बनाये। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने वर्ष 2022 में जब जमरानी के मुद्दे को गंभीरता से लिया तो इस मुद्दे ने रफ्तार पकड़ी। अनेक विभागों से फाइल को स्वीकृति मिलने मिलनी शुरू हुई। अंततः अब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत धनराशि दिए जाने की स्वीकृति मिलने के बाद जल्दी जमरानी बांध परियोजना का काम शुरू होने की उम्मीद लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि 20 27 तक जमरानी बांध बनाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।