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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड वासियों को गर्मी में करना पड़ सकता है बिजली संकट का सामना, केंद्र से मांगी इतनी मेगावाट बिजली

देहरादून। गर्मियों का समय शुरू हो चुका है लेकिन उत्तराखंड वासियों को इस बार गर्मी के मौसम में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सरकार बिजली की कमी के संकट से निपटने को केंद्र से अतिरिक्त बिजली की मांग कर रही है।

दरअसल इस बार बारिश कम होने से गर्मी में बिजली की मांग ज्यादा होने की संभावना है। ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम बताते हैं कि केंद्र की ओर से अपने विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली 31 मार्च तक के लिए दे दी है। वहीं एक अप्रैल से राज्य में फिर बिजली की कमी शुरू हो जाएगी।

गत वर्षों की गर्मी के दौरान बिजली की मांग पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंची है।उत्तराखंड में महुआखेड़गंज काशीपुर में गैस आधारित दो बिजली प्लांट श्रावंती और गामा हैं। जिनसे 321 मेगावाट बिजली मिलती है। पर समस्या ये है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते गैस महंगी हुई है। जिस वजह से ये दोनों प्लांट एक साल से बंद पड़े हुए थे।

बीते माह 28 फरवरी को केंद्र की बैठक के बाद तय हुआ है कि इन प्लांटों को चलाया जा सकता है।काशीपुर के दोनों बिजली प्लांट मालिकों ने बिडिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें गैस की कीमत 16 डॉलर के आसपास आ रही है, जिससे राज्य को बिजली करीब 12 रुपये यूनिट मिलेगी।

राज्य ने 15 डॉलर तक की सहमति दी हुई है, जिससे बिजली 10 रुपये यूनिट तक मिलेगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कम कीमत पर गैस उपलब्ध होने की उम्मीद प्रबल हो रही है। जिससे गैस आधारित प्लांट चल सकेंगे। इनसे राज्य को 77 लाख यूनिट मिलने लगेगी।

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मार्च तक के लिए भले ही 72 लाख यूनिट बिजली केंद्र सरकार ने अपने गैर आवंटित कोटे से दे दी हो, लेकिन प्रदेश में अप्रैल, मई, जून में भारी बिजली संकट होने की आशंका है। इससे पार पाने के लिए राज्य सरकार अब केंद्र से मार्च 2024 तक के लिए 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) बिजली की मांग करने जा रही है।

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