कुमाऊँ
शहीद दिवस के मौके पर हुए विभिन्न कार्यक्रम
विहान सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा विगत दिवस गांधी पार्क चौहानपाटा, अल्मोड़ा में शहीद दिवस के मौके पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, कार्यक्रम में शहीदे भगत सिंह के जीवन को प्रेरणा स्रोत लेते हुए कहानी को बुनते हुए जनगीतो से कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में शहीद भगत सिंह के जलियावाले बाग की घटना कि कैसे एक छोटे से बच्चे को जब पता चलता है कि जलियांवाला बाग में ऐसी घटना घटित हुई है तो वही छोटा सा बच्चा 40 मील पैदल चलकर के जलिया वाले बाग में पहुंचता है और वहां क्रांतिकारियों के खून से सनी हुई मिट्टी को अपने नन्हे से हाथों से उठा करके अपने घर लाकर करके रोज तिलक करता है।
इसी के साथ कहानी में महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन ,लाला लाजपत राय की मृत्यु ,दिल्ली असेंबली में ब्रिटिश हुकूमत के बहरे कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए बम फोड़ने की घटना फिर भगत सिंह एवं उनके साथियों द्वारा खुद अपनी गिरफ्तारी देना ताकि पत्रकारों के माध्यम से दुनिया और देश की जनता तक अपनी आवाज पहुंचाई जा सके भगत सिंह को उम्र कैद फिर बाद में लाहौर की अदालत फासी की सजा तक ले जाने की ब्रिटिश हुकूमत के सारे षड्यंत्र और देश में क्रांति की लहर जो अपनी प्रचंड स्तर पर चल रही थी, उस को बढ़ावा ना मिल सके इसके लिए 24 मार्च 1931तारीख की जगह 23 मार्च 1931 तारीख को भगत सिंह को रात के अंधेरे में लाहौर जेल के अंदर फांसी सारी घटना को कहानी के जरिए उजागर किया गया।
साथ ही कहानी के बीच में आजम शहीद ए आजम भगत सिंह आजादी भीख नहीं मिलती हम शहीदों की चिताओं से जलाएंगे मशाल में लेखक भास्कर जोशी जलियांवाला बाग पर आधारित कुमाऊनी चैती शैली में गायन लेखक नवीन बिष्ट एवं सरफरोशी की तमन्ना मेरा रंग दे बसंती आदि जनगीतों की प्रस्तुति दी गई कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश लाल मनमोहन चौधरी ममता वाणी भट्ट संदीप नयाल अमित बिधौरी उमेश कुमार पंकज कुमार अजय कुमार के साथ-साथ युवा रंगकर्मी निशा मेहरा जगदीश तिवारी इंदर गोस्वामी दिव्या जोशी शुभंकर कांडपाल रिया तिवारी अंजलि तिवारी ईशा बिष्ट रोहन कुमार निर्मल मेहरा गायत्री तिवारी अजय कुमार मोनू नेगी शामिल रहे।
संस्था के सचिव देवेंद्र भट्ट ने बताया की क्रांतिकारी देशभक्त भगत सिंह की जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए अगर हम मन में सच्चाई के साथ दृढ़ निश्चय कर ले तो हर कार्य संभव हो सकता है 23 वर्ष की छोटी सी उम्र में क्रांतिकारी भगत सिंह जी द्वारा जो देश को आजादी दिलाने के लिए कार्य किए गए वह हमेशा हम युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे और देश के हर वासी के मन में देश के प्रति मर मिटने की जज्बे को आबाद रखेंगे।
नवीन बिष्ट, वरिष्ठ पत्रकार अल्मोड़ा