उत्तराखण्ड
जो ईमानदारी से काम करता है और राजनेताओं की नहीं सुनता तो उसका होता है ट्रांसफर – अधिवक्ता आलोक कुमार वर्मा
नैनीताल । यहां हाईकोर्ट में अधिवक्ता आलोक कुमार वर्मा के द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने फेसबुक इंडिया हेड केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एसएसपी हरिद्वार और डीजीपी उत्तराखंड से 3 सप्ताह में नोटिस जारी जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह इस मामले से खुद पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि फेसबुक हैकर्स द्वारा पहले
फर्जी आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है और रिक्वेस्ट मंजूर होने के बाद उनकी फोटोस को एडिट कर अश्लील वीडियो बना ली जाती है और पैसे न देने पर वीडियो को दोस्तों व परिजनों को भेजने की धमकी दी जाती है।
जनहित याचिका पर सुनवाई होने के बाद रुड़की बार एसोसिएशन के अधिवक्ता आलोक कुमार वर्मा के समर्थन में उतर गए हैं। वहीं अधिवक्ता आलोक कुमार वर्मा के पिता संजीव कुमार वर्मा ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं। उनका कहना है कि समय रहते अगर पुलिस इन हैकर और ठगों पर कार्रवाई करती तो यह मामला बहुत आगे ना पहुंच पाता। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस रिपोर्ट तो लिख लेती है, लेकिन उस पर समय रहते कोई कार्यवाही नहीं करती। कहा कि जो ईमानदारी से काम करता है और राजनेताओं की नहीं सुनता तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है।कहा कि जो पुलिस वाला राजनेताओं की सुनता है और उनके कहने पर चलता है वो लंबे समय तक टिकते हैं। अगर पुलिस सतर्क होती और मामला दर्ज कर जांच की जाती तो नुकसान नहीं उठाना पड़ता।