Connect with us
Breaking news at Parvat Prerna

उत्तराखण्ड

विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए भागवत महापुराण यज्ञ का आयोजन

सनातनी संस्कृति को बचाने एवं इसके उत्थान के लिए यूं तो समय-समय पर धार्मिक यज्ञ, अनुष्ठान होते रहते हैं। इन सबका एक ही बड़ा उद्देश्य भी होता हैं कि पूरे विश्व में शांति हो, मानव का कल्याण हो। यही भावना वसुधैव कुटुम्बकम की झलक दिखती हैं। नीलेश्वर और भीलेश्वर पहाड़ियों के बीच घिरे कुमाऊं की काशी, किस्मत कुमाऊं के नाम से प्रसिद्ध बागेश्वर के बागनाथ धाम में सालों से पंच दशनाम जूना अखाड़ा निस्वार्थ भाव से जनसेवा में लगा हैं।

महर्षि मार्कण्डेय ऋषि की तपोभूमि और सरयू , गोमती के संगम व अदृश्य सरस्वती यहां आने वाले हर पर्यटक, तीर्थयात्री, भक्त, प्रेमी को स्वतः ही अपनी ओर आकर्षित करती हैं। नवरात्र के दिनों में भक्तों का तांता सुबह से लेकर शाम तक लगा रहता है। अखाड़े के महाराज श्री शंकर गिरी जी ने पहली बार अपने प्रयासों व आमजन के सहयोग से सरयू नदी तट पर भागवत पुराण कथा एवं यज्ञ का आयोजन किया हैं। बेहद सरल स्वभाव व करुणा हृदय के महाराज जी ने बताया जन कल्याण व विश्व शांति के लिए यह अनुष्ठान किया जा रहा हैं। दिन में दो बजे से प्रतिदिन सैकड़ो भक्त कथा श्रवण का आंनद लेकर उत्साहित हैं। यज्ञ में भक्तों को वेद व्यास श्री गणेश जोशी जी पूरे संगीत के स्वरों के साथ घंटो तक भक्तों को बांधे रख़ते हैं।

जीवन जीने के विविध तरीके एवं प्रभु का ध्यान लगाने से होने वाले फायदे सुनकर लोंगो की भीड़ पहले से ज्यादा बड़ती जा रही हैं।आसपास का माहौल भक्तिमय हुआ हैं। लोंगो से बात करने पर पता चला कि लोग इस प्रकार के आयोजनों से बहुत खुश है और आगे भी इनके होने की इच्छा प्रकट कर रहे हैं। नवरात्र के नौ दिनों तक कई लोग व्रत रखते है व नित्य माता का पूजन करते है।

यह भी पढ़ें -  क्रिसमस पर्व के दौरान हल्द्वानी शहर का यातायात / डायवर्जन प्लान, घर से निकलने से पहले देखें जरूर

महाराज जी बताते हैं बाहर से धर्मावलंबी पहुँच रहे हैं। उनकी सेवा,सुश्रुवा, खातिरदारी में किसी भी प्रकार की कमी ना रहे इसलिए महाराज जी का हाथ बताने के लिए भी कई लोग जुड़ रहे हैं। संतो का समागम पूरे वातावरण में माधुर्य घोले हुए है। यज्ञ अनुष्ठान में श्री पुष्कर गिरी महाराज, राजेश जोशी, चंद्र सिंह चौहान, कर्नाटक मुख्य रूप से इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में दिन रात जूट हैं। इग्यारह अप्रैल को पारायण होगा। इस अवसर पर भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा और विशाल भंडारा का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्य आयोजनकर्ता शंकर गिरि महाराज जी ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पहुचकर कथा श्रवण करने एवं पूण्य प्रसाद ग्रहण करने की अपील की हैं।

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News