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लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ललकार,88 मिनट के भाषणों में 25 साल का संकल्प

नई दिल्ली। 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया। उन्होंने 88 मिनट के भाषण में अलग-अलग मुद्दों पर बहुत कुछ कहा। युवा पीढ़ी, किसान, ओलंपिक खिलाड़ी से लेकर देश की सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद तथा आँख दिखाने वालों का बगैर नाम लिए काफी कुछ कहा। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की समाधि राजघाट पर फूल चढ़ाए। पहली बार लाल किले पर पुष्प वर्षा भी हुई। वहां ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा के साथ कई अन्य खिलाड़ी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरुआत में कहा यही समय है, सही समय है। भारत का अनमोल समय है।असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है।तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो। यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है, कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको। कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको, तुम उठ जाओ, जुट जाओ, समार्थ्य को पहचानो, कर्तव्य को अपने सब जानो, यही समय है, सही समय है। उन्होंने कहा मैं भविष्य नहीं देख सकता,कर्म पर यकीन रखता हूं, किसान, बेटियों, देश के युवा पर मेरा  विश्वास है।

मुझे विश्वास है कि आजादी के 100 साल के मौके (2047) पर जो भी प्रधानमंत्री होंगे, वे अपने भाषण में जिन सिद्धियों का वर्णन करेंगे, जो आज देश संकल्प कर रहा है। जो आज में संकल्प के रूप में बोल रहा हूं वे 25 साल बाद सिद्धि के रूप में बोलेंगे। उन्हें कहा आज जो युवा हैं, वे उस समय देखेंगे कि कैसे देश ने यह कमाल कर दिखाया। हमारी ताकत हमारी एकजुटता है। यह समय साझा स्वप्न देखने, साझा संलल्प करने, साझा कोशिश करने का है। उन्होंने देशवासियों से कहा अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी निर्वहन करें, प्रधानमंत्री बोले आज अरविंदों की जन्म जयंती है। उनका 150वां जन्मजयंती पर्व है। वह कहते थे कि भारत को उतना समर्थवान बनना होगा जितना हम पहले कभी नहीं थे। अपनी आदतें बदली होंगी। खुद को फिर जगाना होगा। उनकी ये बातें हमें अपने कर्तव्यों का ध्यान दिलाती हैं। सभी को यह सोचना होगा वह देश को हम क्या दे रहे हैं। हमने अधिकारों को हमेशा महत्व दिया।अब कर्तव्यों को सर्वोपरी बनाना होगा।

उन्होंने कहा जल संरक्षण पर बल है तो पानी बचाने का कर्तव्य पूरा करें।लोकल फॉर लोकल के लिए ज्य़ादा से ज्यादा भारत की चीजें खरीदें। प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करना होगा। नदियों में गंदगी ना डालें, समुद्र को साफ रखें। दूसरे विश्व युद्ध के बाद वैश्विक संबंधों का रूप बदल गया था। कोरोना काल के बाद भी ऐसा हुआ। कोरोना काल के भारत के प्रयासों को दुनिया ने सराहा। दुनिया भारत को नई दृष्टि से देख रही है। आज का भारत आतंकवाद, विस्तारवाद दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा। हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है। सेना के हाथ मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा आर्टिकल 370 हटाना, जीएसटी लाना, फौजियों के लिए वन पेंशन, अयोध्या का शांतिपूर्वक समाधान यह पिछले कुछ वक्त में देखा। ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा, जम्मू कश्मीर में पहली बार BDC चुनाव भारत की संकल्प शक्ति बताता है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है. सर्जिकल, एयर स्ट्राइक से दुश्मनों को नए भारत का संदेश दिया। यह बताता है कि भारत बदल रहा, भारत कठिन से कठिन फैसले भी ले सकता है, भारत झिझकता नहीं है।

मोदी बोले कि मुझे कई गुजारिश मिलीं कि बेटियां भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में प्रयोग के तौर पर बेटियों को एडमिशन देने का फैसला लिया गया था। अब देश के सभी सैनिक स्कूलों में बेटियों का भी एडमिशन हो सकेगा। इन्हें बेटियों के लिए खोल दिया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा रुकावट नहीं बनेगी। खेल को इसका मुख्य हिस्सा बनाया गया है। यह पाठ्येतर नहीं है। अब खेल के लिए जागरूकता आई है। माता-पिता का नजरिया बदला है। ओलंपिक भी एक बड़ा टर्निंग पाइंट है। बोर्ड का रिजल्ट हो या ओलंपिक का मैदान, बेटियां बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।हर कार्यक्षेत्र में समान सहभागिता की कोशिश करनी है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोगों को अगली पीढ़ी का बुनियादी ढांचा, विश्वस्तरीय निर्माण, अत्याधुनिक नवाचार, नए जमाने की तकनीक के लिए काम करना होगा। सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है. जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा, मैपिंग से जुड़े पुराने कानून का जिक्र आदि कई विषयों पर देश को सम्बोधित किया।

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