उत्तराखण्ड
क्वारब क्षेत्र में भू-स्खलन का खतरा बढ़ा, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के क्वारब क्षेत्र में लगातार पहाड़ी दरकने की घटनाओं के कारण प्रशासन ने रात के समय वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध की अवधि को और बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 5 मार्च तक थी, लेकिन अब इसे 17 फरवरी तक लागू कर दिया गया है। इस दौरान रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी वाहन को इस मार्ग से गुजरने की अनुमति नहीं होगी।
पहाड़ी दरकने के कारण बढ़ता खतरा
क्वारब क्षेत्र, जो नैनीताल और अल्मोड़ा जिले की सीमा पर स्थित है, लगातार भू-स्खलन का शिकार हो रहा है। पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर और मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई है और यात्रा जोखिमपूर्ण हो गई है। दिन के समय यातायात को नियंत्रित करने के लिए होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है, लेकिन रात में बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोकने का निर्णय लिया है।
यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग
रात के समय इस प्रतिबंध के दौरान, वाहन चालक रानीखेत और शहरफाटक मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। यह वैकल्पिक मार्ग यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक जोखिम न लें और निर्धारित वैकल्पिक मार्गों का ही प्रयोग करें।
सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क
अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह मतौलिया ने सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया है। संबंधित चौकी और थाना प्रभारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, इस क्षेत्र में लगातार सर्वेक्षण और निगरानी की जा रही है ताकि भविष्य में किसी बड़े हादसे को रोका जा सके।
स्थायी समाधान की दिशा में कदम
प्रशासन ने इस क्षेत्र में पहाड़ी के ट्रीटमेंट कार्य को तेज करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में इस मार्ग पर यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सके। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है, जो पहाड़ी के स्थायित्व को मजबूत करने के उपायों पर काम कर रही है।
यह प्रतिबंध अगली समीक्षा तक लागू रहेगा और हालात को देखते हुए प्रशासन आगे का निर्णय लेगा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।














