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28 वां गौरा देवी पर्यावरण पुरस्कार 2025 की घोषणा।
चमोली (जोशीमठ)। ज्योर्तिमठ चमोली दो दिवसीय प्रसिद्ध गौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन विकास मेला उर्गम घाटी चमोली यह मेला प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 5 -6जून को कल्प क्षेत्र पंच बद्री के ध्यान बद्री और पंच केदार के श्री कल्पेश्वर उर्गम घाटी में आयोजित किया जाता है इस मेले में पर्यावरण एवं पत्रकारिता शिक्षा समाज सेवा में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को हर वर्ष गौरा देवी सम्मान से सम्मानित किया जाता है इस वर्ष के पुरस्कार सम्मान की घोषणा कर दी गई है जनदेश सामाजिक संगठन के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि इस वर्ष 14 लोगों का चयन इस सम्मान के लिए किया गया है हमारे पास 250से अधिक आवेदन पत्र आए थे इसके अलावा कुछ नाम की सिफारिश प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा की जाती है आवेदन पत्र और सिफारिश के आधार पर जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को यह सम्मान दिया जाएगा जिसमें उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों में कई दशकों से लोग प्रकृति के संरक्षण और जन संघर्ष को आगे बढ़ा रहे हैं। इन सम्मान के लिए महिला सशक्तिकरण और एक रोल मॉडल के लिए रानू बिष्ट एक लंबे समय से साहित्य के क्षेत्र में प्रकाशक के रूप में काम कर रही है और महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार संघर्षरत है, उधम सिंह नगर में महिला कल्याण समिति की सचिव हीरा जगपांगी थारू बुक्सा जनजाति के लोगों के लिए 25 वर्षों से काम कर रही है और जन संघर्षों के लिए पहचानी जाती है। खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अजय भट्ट ज्योतिर मठ चमोली से जो एक लंबे समय से साहसीक खेल स्कीइंग को बढ़ावा दे रहे हैं। और इन्होंने एक लंबे समय तक उच्च हिमालय क्षेत्र में ट्रैकिंग के काम में महारत हासिल है एक कुशल होटल प्रबंधन भी है। इंदु नौटियाल कोटद्वार क्षेत्र में अनाथ लोगों को 30 वर्षों से मदद कर रही है और लगातार समाज में उपेक्षित लोगों के लिए संघर्ष कर रही है। रामलाल आर्य एक शिक्षक के रूप में कर्णप्रयाग महाविद्यालय में कार्यरत हैं और उनकी बेहतरीन शिक्षा परिणाम एक अच्छे एन सी सी अध्यापक हैं। पर्यावरण संरक्षण के योगदान के लिए, श्यामलाल भाई नदी संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण समाज सेवा के लिए एक लंबे समय से ऋषिकेश में काम कर रहे हैं। शिव सिंह फरस्वाण निजमुला घाटी के रहने वाले हैं और इन्होंने बचपन से ही वृक्षारोपण प्रकृति संरक्षण का संकल्प शुरू किया है और वर्तमान में गौचर में अध्यापक के रूप में प्रकृति संरक्षण के लिए जन–जन को जागरूक करने का कार्य में लगे हुए हैं इन्होंने व्यक्तिगत प्रयासों से 500 से अधिक पौधों का रोपण किया है जो जीवित है। डॉ शशि देवली साहित्य के क्षेत्र में लगातार 20 वर्षों से कार्यरत है और विभिन्न संगठनों के साथ जुड़कर काम कर रही है कई साहित्यिक संस्थाओं की सदस्यता प्राप्त है। धनपति शाह डाली लगुण तुम्हारी समूण अभियान से जुड़े हुए हैं और दर्जनों जगह इन्होंने इस कार्यक्रम को संपादित किया है लोगों में प्रकृति के संरक्षण के लिए जोश भरने का काम करते हैं। क्रांति भट्ट वरिष्ठ पत्रकार एक लंबे समय से पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और एक अच्छे एक लेखक एवं पत्रकार ,समीक्षक है। राजेंद्र सिंह भंडारी ग्राम संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष हैं और 2 वर्षों से डुमक गांव की सड़क के आंदोलन के लिए संघर्षरत हैं। 1 वर्ष से अधिक समय तक आंदोलन विभिन्न माध्यमों से करते रहे जिसका मार्गदर्शन किया। और सरकार को झुकना पड़ा इस सड़क के लिए 9 करोड रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। संजय कुंवर एक स्वतंत्र पत्रकार है और टूर ट्रेवल का काम एक लंबे समय से करते हैं और इसको अपना एक पेसे के रूप में इन्होंने ने अपनाया आजीविका का माध्यम बनाया है।निमिलीता नेगी एक शिक्षिका रही है इन्होंने 40 वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है और एक समाजसेवी के रूप में कर्णप्रयाग में कार्यरत हैं। पार्वती देवी 80 वर्ष की है और अपने गांव में लोग जगरों लोकगीतों का गायन करती है।

