सरकारी योजनाएँ
संगिनी ऐप से परेशान आशा एवं आशा फैसिलिटेटर
देहरादून। उतराखंड राज्य के अंतर्गत आशा एवं आशा फैसिलिटेटर व आंगनबाड़ी कार्यकत्री महिलाओं को ऑनलाइन कामकाज करने में परेशानियां हो रही हैं। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड राज्य की आशा कार्यकर्ती एवं आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी कार्यकत्री लंबे समय से ऑनलाइन कामकाज करने तथा संगिनी एप से बहुत परेशान हैं। बताया कि
सन 2005 से कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को इस एप से बहुत दिक्कत आ रही है। क्योंकि कई आशा एवं आशा फैसिलिटेटर,आगनबाड़ी कार्यकत्री कम पढ़ी लिखी होने से भी एप के माध्यम से काम नहीं कर पा रही हैं। इधर आंगनबाड़ी महिलाओं को स्मार्ट फोन दिये गये थे लेकिन छह महिने के बाद आंगनबाड़ी महिलाओं के फ़ोन खराब होने लग गए हैं। जो उन्होंने अपने आंगनबाड़ी केंद्र में जमा कर दिये।
आशा एवं आंगनबाड़ी महिलाओं का कहना है शासन प्रशासन ने इतने ऐप निकाल कर हम पर दबाब डाला है। दिये गए फोन खराब होने की वजह से हम लोग अपने पति व बच्चों, परिवार के फ़ोन से ऑनलाइन काम करते हैं। मांग की गई है,उत्तराखंड राज्य की आशा एवं आंगनबाड़ी महिलाओं व आशा फैसिलेटरो को अच्छा फ़ोन दिया जाय या फिर ऑनलाइन सिस्टम को कम किया जाय। उतराखड राज्य की आशा एवं आशा फैसिलिटेटर एवं आंगनबाड़ी महिलाओं के लिए मानदेय के नाम पर शासनादेश जारी करने के बाबजूद कुछ धन राशि इनके खातों में आयी और बाकी धन राशि के लिए सन् 2021मे शासनादेश जारी की हुई राशि नहीं मिली।