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भाजपा के विधायक रहे कैलाश गहतोड़ी फिर लड़ेंगे चंपावत सीट से
चंपावत। वर्ष 2017 में भाजपा को चंपावत सीट पर धमाकेदार जीत दिलाने वाले पार्टी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने रिकॉर्ड 17360 मतों से इस सीट को जीता था। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार इस सीट से पुराना चेहरा फिर सामने आया है।
उत्तराखंड बनने के बाद चंपावत विधानसभा सीट पर 2002 से 2017 तक भाजपा ने कभी भी किसी प्रत्याशी को दोबारा टिकट नहीं दिया। विधानसभा के पहले चुनाव में बाराकोट क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता हयात सिंह महरा को टिकट मिला। हार के बाद उन्हें फिर कभी टिकट नहीं मिला। वर्ष 2007 में बीना महराना ने भाजपा को जीत दिलाई लेकिन मंत्री बनने के बाद 2012 में उनका टिकट भी कट गया। राज्य के तीसरे विधानसभा चुनाव में तत्कालीन जिलाध्यक्ष हेमा जोशी को प्रत्याशी बनाया गया और 2017 में चौथे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कैलाश गहतोड़ी पर भरोसा जताया। और कैलाश गहतोड़ी ने रिकॉर्ड जीत हासिल भी की।
कोरोना काल मे ज्यादातर वक्त श्री गहतोड़ी चंपावत क्षेत्र में ही रहे। और जब चंपावत से बाहर होते थे, तब भी फोन या सोशल मीडिया के जरिये दुखदर्द में सहभागी रहे। राज्य गठन के बाद भाजपा के चंपावत सीट से विधानसभा प्रत्याशी इस प्रकार है।
वर्ष 2002 हयात सिंह महरा।
वर्ष 2007 बीना महराना।
वर्ष 2012 हेमा जोशी।
वर्ष 2017 कैलाश गहतोड़ी। वर्ष 2022 कैलाश गहतोड़ी।
संवाददाता:- गौरव शर्मा टनकपुर




















