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बॉलीवुड की पहली कॉमेडियन थी ये एक्ट्रेस, देख Dilip Kumar की हो जाती थी सिट्टी पिट्टी गुम, ऐसे पड़ा नाम टुन टुन

नई दिल्ली। आज सिनेमा जगत में एक से बढ़कर एक कॉमेडियन हैं, जो अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से लोगों को हंसाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड की पहली कॉमेडियन कौन थीं, जिनके सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं बल्कि एक्सप्रेशन मात्र लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काफी थे। आज इस आर्टिकल में बात सिनेमा की पहली महिला कॉमेडियन की, जिन्होंने 200 फिल्मों में काम किया और लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

11 जुलाई 1923 को जन्मीं उमा देवी (Uma Devi) जिन्हें टुन टुन (Tun Tun) के नाम से दुनियाभर में पॉपुलैरिटी हासिल की। वह अपने दौर की सफल प्लेबैक सिंगर हुआ करती थीं। उन्होंने उस दौर में अपनी आवाज का ऐसा जादू चलाया कि फिल्मों में सिर्फ उनके ही गीत सुनाई देते थे।
सिंगिंग से पाई थी सफलता
‘अफसाना लिख रही हूं’, ‘बेताब है दिल’, ‘चांदनी रात है’, ‘दिल को लगा की हम ने’, ‘दिल थामे हुए बैठे हैं’, ‘सजना रे आजा रे’, ‘मेरी प्यारी पतंग’, ‘ये कौन चला’, ‘बेताब है दिल’ जैसे दर्दभरे गाने टुन टुन ने ही गाये थे। आवाज से टुन टुन ने जितनी सफलता पाई, उससे दोगुनी शोहरत उन्हें कॉमेडियन बनकर मिली।

मोटापा बनी पहचान
टुन टुन (Tun Tun Real Name) का असली नाम उमा देवी खत्री था। जब वह फिल्मों में सिंगर नहीं कॉमेडियन बनकर आईं तब उनका नाम टुन टुन पड़ा था। फिल्मों में आने की उनकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। एक बार एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने चैट शो में बताया था कि सिंगिंग से सफलता पाने के बाद टुन टुन इतना खाती थीं कि वह बहुत मोटी हो गईं। तब नौशाद जिन्होंने टुन टुन को सिनेमा में पहचान दिलाई, उन्होंने सिंगर को एक्ट्रेस बनने की सलाह दी।

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इनके कहने पर सिंगर से एक्ट्रेस बनीं टुन टुन
संगीतकार नौशाद ने उमा देवी उर्फ टुन टुन को सलाह दी कि अब उन्हें फिल्मों में चले जाना चाहिए, क्योंकि जैसा उनका शरीर हो गया है, लोगों की उन्हें देखकर हंसी जरूर छूट जाएगी। फिर क्या, नौशाद दिलीप कुमार के पास गए, जो उस वक्त अपनी फिल्म बाबुल बना रहे थे, नौशाद ने अभिनेता से उमा देवी को कास्ट करने के लिए कहा और दिलीप कुमार ने उन्हें कास्ट कर लिया।


कैसे उमा देवी बनीं टुन टुन?
तबस्सुम का कहना है कि नौशाद ने ही उमा देवी का नाम टुन टुन रखा था और फिर वह इसी नाम से मशहूर हो गईं। मगर यह भी कहा जाता है कि उमा देवी के फिजिकल पर्सोना को देख दिलीप कुमार ने उनका नाम टुन टुन रखा था। खैर, उनका नाम चाहे जैसे पड़ा हो, लेकिन उनका ये नाम आज भी हर किसी की जुबां पर रहता है।

दिलीप कुमार का सिर दर्द बन गई थीं टुन टुन
नरगिस दत्त और दिलीप कुमार स्टारर बाबुल (1950) में उमा देवी के किरदार का नाम भी टुन टुन ही था। इस फिल्म में टुन टुन ने दिलीप कुमार को इतना तंग किया था कि पूरी फिल्म में एक्ट्रेस को देख उनकी हालत पस्त हो जाती थी। टुन टुन की कॉमेडी पर लोगों ने खूब ठहाके मारे। जिस तरह टुन टुन को देख दिलीप कुमार की हवाइयां उड़ती थीं, दर्शकों ने इस सीन का खूब लुत्फ उठाया। इसके बाद वह बहुत मशहूर हो गईं और कई फिल्मों में कॉमेडी की। उन्होंने अपने करियर में करीब 200 फिल्मों में काम किया था

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