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उत्तराखण्ड

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षाकाल में एक घर 2 पौध रोपित करने का दिया लक्ष्य धामी

रिपोर्ट – विनोद पाल

चम्पावत – जल संरक्षण अभियान एवं मानसून काल में वृहद वृक्षारोपण के संबंध में शासन एवं जिला स्तर पर कार्य योजना तैयार करते हुए उसके क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संरक्षण अभियान में मुख्य रूप से कार्य कर रहे प्रमुख विभाग सिंचाई, लघु सिंचाई वन, पेयजल, ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की गई। इस दौरान आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए गए।बैठक में शासन के उच्चाधिकारी एवं समस्त जिलों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में शासन के अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन द्वारा सारा (springs and and river rejuvenation authority) में जनपदवार तैयार योजना की जानकारी, प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दी गई। उन्होंने जल संरक्षण अभियान 2024 की जनपद द्वारा जल संवर्धन एवं संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यों व प्रस्तावित कार्यों की जानकारी दी।इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि जो जल स्रोत सूख गए हैं उनके रिचार्ज के लिए कार्य करें। जन सहभागिता से ही यह अभियान चलाया जाए। डॉ अनिल जोशी द्वारा जल संरक्षण में किए गए योगदान एवं कार्य समाज के लिए एक बेहतर संदेश हैं। उनके कार्य सभी के लिए अनुकरणीय हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जल संरक्षण हेतु कराए गए कार्यों का धरातल पर बेहतर परिणाम हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही समय-समय पर कार्यों का निरीक्षण भी करें।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभागवार शासन के उच्चाधिकारियों द्वारा इस वित्तीय वर्ष में जल स्रोतों के संरक्षण, संवर्धन एवं रिचार्ज हेतु तैयार कार्ययोजना की जानकारी दी गई तथा जल संरक्षण हेतु किए गए उपचार तथा कार्यों की जानकारी दी।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां वनाग्नि की घटनाएं बड़ी हैं। उन क्षेत्रों में जल संवर्धन के कार्यों को प्रमुखता से करें। उन जंगलों व क्षेत्र में नमी बनी रहे ताकि भविष्य में वहां वनाग्नि की घटनाएं न बड़े ।इस अवसर पर पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल जोशी ने सभी को पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पृत्वी में जल के स्तर को बड़ाए जाने हेतु सरकार द्वारा जो भी कार्य योजना बनाई जा रही है वह धरातल पर दिखे व उसके शत प्रतिशत क्रियान्वयन व अभियान को सफल करने में सभी का सहयोग महत्वपूर्ण है। हम सभी को जल संचय एवं संवर्धन प्रकृति के विज्ञान को समझकर कार्य करना होगा। सरकार द्वारा इसी प्रकार कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा जल अभियान को जन अभियान बनाना होगा। सामाजिक संगठनों के साथ भी बैठक कर सुझाव लिए जाएं।मुख्यमंत्री ने कहा की मानसून काल में सभी जनपदों में जल महोत्सवों का आयोजन कराया जाएगा। सभी जिलों में यह जल महोत्सव आयोजन हेतु विभिन्न स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए। नगरीय क्षेत्रों में नगर निकाय सिंचाई विभाग के माध्यम से रिचार्ज पिट का निर्माण कराया जाए। इस हेतु प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करें। मैदानी क्षेत्र में वाटर रिचार्जिंग क्षेत्र को बढ़ाया जाए। वृक्षारोपण कार्यक्रमों के आयोजन में मा. जनप्रतिनिधियों के साथ ही जन सहभागिता को भी शामिल किया जाए। इसके अतिरिक्त वृक्षारोपण स्थान की सुरक्षा भी की जाए। धामी ने कहा कि लोगों को जल संरक्षण पौधारोपण के महत्व के बारे में बताएं।मुख्यमंत्री ने कहा पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु जल संवर्धन के कार्य करने होंगे। हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि हम हिमालय से जुड़े हैं। इस हेतु परियोजना ऐसी तैयार की जाए जो दुनिया भी इसे ग्रहण करें। धरातल पर कार्य दिखे, साथ ही उसके परिणाम हो। भविष्य में सबसे बड़ी चुनौती जल की है, उस चुनौती से निपटने हेतु हमें अभी से स्थाई कार्य करने होंगे। इस हेतु 10 से 15 जून तक जनपद स्तर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। वृक्षारोपण में विज्ञान एवं तकनीकी का भी सहयोग लिया जाए। इस वर्षाकाल में प्रत्येक परिवार कम से कम दो पौधे अवश्य लगाएं।समीक्षा के दौरान जिला अधिकारी नवनीत पांडे द्वारा इस संबंध में जनपद चंपावत में वर्षाकाल में पौधारोपण अभियान एवं जल संरक्षण एवं जल संचय हेतु तैयार कार्ययोजना की जानकारी दी गई। उन्होंने अवगत कराते हुए बताया जल संवर्धन, संचयन एवं प्राकृतिक स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु 10 जून को मुड़ियानी में गंडक नदी पर जल संरक्षण अभियान की शुरुआत होगी।वीसी में वन मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित शासन के अन्य उच्चाधिकारी व चंपावत जिले से प्रभागीय वनाधिकारी आर.सी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।

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