उत्तराखण्ड
चुनाव पूर्व ऊर्जा मंत्री की लोपलुभावनी घोषणा
बागेश्वर। 2022 विधानसभा चुनाव ज्यो – ज्यो नजदीक आ रहे है काग्रेस और भाजपा के कुछ चन्द नेता लोपलुभावने कार्यो में जुट गये है। इन्हीं में से एक है ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत, जो इन दिनों राज्य के नागरिको को मुफ्त बिजली देने की बात कर रहे है। जिससे राज्य को बिजली से मिलने वाली आय पूरी तरह से प्रभावित होना लाजमी है। यानि यह कह सकते है कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत वोट बैक की राजनीति में यह भूल गये है कि उपभोक्ताओ से मिलने वाले बिल से ही राज्य के विकास कार्यो को बल मिलता है। अब प्रशन यह उठता है कि हरक सिंह रावत के इस फैसले से विधुत विभाग को आय की जो क्षति होगी उसका भुगतान कौन करेगा? या यू भी कह सकते है कि राज्य की आय में जो क्षति होगी और विधूत विभाग के विकास में जो क्षति होगी उसका भुगतान कौन करेगा? वैसे ही राज्य कर्ज में ढूबा हुआ है, ऐसे में वोट बैक की राजनीति करते हुए ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा बिजली के बिल फ्री करना महज एक राजनीतिक षडयंत्र नजर आता है।
अब उत्तराखण्ड के बिजली उपभोक्ताओं के लिये बेसक यह एक खुशखबरी हो पर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने राज्य में फ्री बिजली देने का जो ऐलान किया है। उससे राज्य की आय में होने वाली क्षति की भरपाई कैसे होगी। उन्होंने मंत्री बनने के बाद भले ही पहली बार विभाग की बैठक के दौरान उक्त निर्णय लिया हो। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि, यदि प्रति परिवार महीने में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करता है, तो उसे बिजली का बिल नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि 100 से 200 यूनिट के बीच यदि कोई परिवार बिजली खर्च करता है तो उसे 50 प्रतिशत बिजली के दाम अदा करने होंगे।
ऊर्जा मंत्री रावत ने कहा कि राज्य में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले 8 लाख उपभोक्ताओं को इससे सीधा फायदा होगा। जिससे प्रदेश के गरीब परिवारों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि, जल्द ही कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव आ जाएगा। जिसके बाद उत्तराखण्ड में निःशुल्क बिजली मिलना शुरू हो जायेगी। जो कि एक गम्भीर विषय है। हरक सिंह रावत के इस निर्णय से बेशक उनको वोट बैक के रूप में भले ही सीधा लाभ मिले पर कहीं ना कही फ्री बिजली बांटने से राज्य के बिजली विभाग को काफी हानि उठानी पड सकती है। ऊर्जा विभाग में रोजगार बढाने के विषय में मंत्री जी ने कभी चर्चा की होती तो सायद कुछ हद तक राज्य के बेरोजगार युवाओ को रोजगार मिलने के साथ ही बेहतर विधुत व्यवस्था का सचार जन जन को मिलने से विधुत के अन्य संसाधनों में सरकार को व्यय ना करना पड़ता।
गिरीश चन्दोला