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उत्तराखण्ड

यूओयू के छठे दीक्षांत समारोह में बांटे 44 मेधावियों को स्वर्ण पदक

सुप्रसिद्ध छायाकार अनूप शाह और सच्चिदानंद भारती को मिली मानद उपाधि

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आज छठवें दीक्षांत समारोह बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए स्वायत्तता तथा जवाबदेही दोनों ही जरूरी है। हमें उत्तरदायित्व से आगे बढ़कर स्व-उत्तरदायित्व की ओर जाना होगा। उन्होंने कहा आत्मानुशासन बहुत जरूरी है। हमें अपने सिस्टम को इतना मजबूत बनाना होगा कि उसमें लीकेज की कहीं कोई गुंजाइश न बचे सके।

राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से नि) आज यहां उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं व उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे। इससे पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर 44 मेधावी छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया तथा कहा कि विद्यार्थी अपने सोच विचार का स्तर बढ़ाएं। स्वयं पर भरोसा रखें। टीम वर्क में विश्वास रखें। सभी युवाओं से अनुरोध है कि भारतीय संविधान में बताए हुए मौलिक कर्तव्य को पढ़े, समझे और उनका पालन करें। विद्यार्थियों का अर्जित ज्ञान तभी सार्थक होगा जब इसका लाभ समाज को मिलेगा। आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, डिजिटल भारत, समृद्ध भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों को सफल बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

राज्यपाल सिंह ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय की व्यवस्था एक लचीली, सरल और सुगम व्यवस्था है। देश की उच्च शिक्षा में कुल पंजीकरण में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सा डिस्टेंस एजुकेशन का है। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के दौर हमें बहुत कुछ सिखा दिया है। ऑनलाइन और डिजिटल एजुकेशन का प्रचलन बढ़ गया है। इससे मुक्त विश्वविद्यालय की अवधारणा को और भी अधिक मजबूती मिली है। शिक्षा तंत्र को डिजिटल और वर्चुअल मोड पर और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए कार्य करना होगा।

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उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इसे राज्य के हर कोने तक पहुंचाना होगा। राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से उच्च शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। उत्तराखंड के पर्वतीय तथा सीमांत क्षेत्रों के लिए डिस्टेंस एजुकेशन एक वरदान है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि डिस्टेंस एजुकेशन का पाठ्यक्रम नवीनतम, अद्यतन, प्रभावी तथा प्रासंगिक होना जरूरी है। पाठ्य सामग्री में उच्च स्तरीय ज्ञान व गुणवत्तापूर्ण सामग्री बेहद सरल भाषा में होनी चाहिए।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सच्चिदानंद भारती तथा विश्व प्रसिद्ध फोटोग्राफर अनूप शाह को मानद उपाधि से सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि सच्चिदानंद भारती राज्य में रिवर्स माइग्रेशन, वन तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। रिवर्स माइग्रेशन उत्तराखंड के लिए ज्वलंत मुद्दा है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध फोटोग्राफर अनूप शाह ने अपनी उत्कृष्ट फोटोग्राफी के माध्यम से उत्तराखंड के संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सुंदरता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उन्हें सम्मानित करके मैं स्वयं गर्व का अनुभव कर रहा हूं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षा से ही मनुष्य का विकास होता है। उत्तराखंड में अगले दशक तक उत्तराखंड शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सम्पूर्ण विकास होना है आने वाला समय अब उत्तराखंड का है। सीएम ने कहा शिक्षा क्षेत्र में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने काफी तरक्की की है और जिस गति से यहां से छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह गौरवांवित का विषय है। सीएम ने सभी को शुभकामनाएं दी।

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कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह बिष्ट, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षक गण तथा छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

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