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हल्द्वानी में है कुमाऊं के दो बड़े सरकारी अस्पताल, मरीजों की संख्या जानकार हो जाओगे हैरान
मीनाक्षी
कुमाऊं के दो बड़े सरकारी अस्पताल हल्द्वानी में हैं और इन अस्पतालों में कुमाऊं भर के मरीज आते हैं। अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में निशुल्क दवा दी जाती है लेकिन दोनों ही अस्पतालों में दवा देने के लिए केवल दो-दो फार्मासिस्ट की मौजूद हैं। कुछ घंटे के अंदर दोनों ही अस्पतालों में करीब 2500 मरीजों को दवा दी जाती है।डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में कुछ माह पूर्व ही ओपीडी में मरीजों को निशुल्क दवा देना शुरू की गई। इमरजेंसी वार्ड से पहले ही दवा वितरण काउंटर बनाया गया है। यहां दो फार्मासिस्ट दवाओं का वितरण करते हैं। समय सुबह नौ बजे से अपरान्ह तीन बजे तक का है। अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1500 मरीज आते हैं। इन मरीजों को निशुल्क दवा लेने के लिए लंबी कतार में लगना होता है। यही हाल सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल का है। यहां भी दवा वितरण कक्ष में केवल दो ही फार्मासिस्ट हैं।पर्चा काउंटर के पास ही दवाओं का वितरण किया जाता है। यहां बारिश के दिनों में और भी दिक्कत हो जाती है। यहां प्रतिदिन करीब 1000 मरीज ओपीडी में आते हैं। यहां दवाओं का काउंटर सुबह आठ बजे खुल जाता है और अपरान्ह में तीन बजे बंद हो जाता है। इन सात घंटों में दोनों ही अस्पतालों में करीब 2500 मरीजों को चार फार्मासिस्ट दवाएं देते हैं। कभी-कभी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी हो जाती है।कई बार दोनों ही अस्पताल प्रशासन के सामने दवा काउंटर में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की बात उठी है लेकिन हमेशा ही नतीजा सिफर आता है। बेस अस्पताल के पीएमएस डॉ. केके पांडे ने बताया कि बुजुर्गों के लिए दवा काउंटर अलग है। मरीजों को और भी सुविधा मिले इस पर काम किया जाएगा। इधर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि मेडिकल स्टोर वाली जगह पर फार्मेसी बनाने पर विचार चल रहा है। दवा काउंटर में सुबह 10 बजे के बाद काफी भीड़ बढ़ जाती है। दोपहर के समय तो नंबर आना ही मुश्किल हो जाता है। लंबी कतार लग जाती है। बेस अस्पताल में सुविधा यह है कि यहां पर बुजुर्गों के लिए जन औषधि केंद्र के पास एक दवा काउंटर बनाया गया है लेकिन एसटीएच में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है। मरीजों की जरूरत को देखते हुए दोनों ही अस्पतालों में कर्मचारियों और काउंटरों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है।


